सीतापुर (सरगुजा)। सीने में दर्द का उपचार कराने हॉस्पिटल आये 62 वर्षीय बुजुर्ग की इंजेक्शन लगते ही में मौत हो गई। मौत के बाद सदमें में आये परिजनों ने चिकित्सक एवं नर्स पर लापरवाही का आरोप लगा हॉस्पिटल में जमकर हंगामा मचाया। मामला बिगड़ता देख वहाँ मौजूद लोगों ने परिजनों को काफी समझाया बुझाया, तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ। इस संबंध में प्राप्त जानकारी अनुसार ग्राम सोनतराई निवासी 62 वर्षीय रामेश्वर दास के सीने में दर्द की शिकायत थी, जिसका इलाज कराने परिजन दोपहर एक बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचे थे। जहाँ उपचार के दौरान चिकित्सक की सलाह पर नर्स ने बुजुर्ग को इंजेक्शन लगाया, जिसके कुछ देर बाद बुजुर्ग की हालत बिगड़ी और उसने दम तोड़ दिया। जिस दौरान बुजुर्ग ने दम तोड़ा, न तो कोई चिकित्सक वहाँ मौजूद थे, न ही कोई नर्स मौजूद थी। बुजुर्ग का बेटा दवा लेने बाजार गया हुआ था। अचानक हुई इस मौत से पूरा परिवार सदमे में आ गया और हॉस्पिटल में जमकर हंगामा मचाया। परिजनों का आरोप था कि मरीज के इलाज के दौरान लापरवाही बरती गई और उसकी हालत जाने बिना उसका उपचार किया, जिसकी वजह से बुजुर्ग की जान चली गई। हॉस्पिटल के अंदर बात बिगड़ता देख वहाँ मौजूद लोगों ने बीच बचाव कर मामले को संभाला, तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ।
इस संबंध में मृतक के पुत्र अंगद दास ने बताया- ‘मेरे पिता के उपचार में बरती गई लापरवाही ने उनकी जान ले ली। जब मैं उन्हें लेकर हॉस्पिटल आया था, तब वो ठीक थे। चिकित्सक के बताये अनुसार नर्स ने मेरे पिता को इंजेक्शन लगाया और मुझे दवा लेने बाजार भेज दिया। मैं जब बाजार से दवा लेकर वापस आया तब तक मेरे पिता की मृत्यु हो चुकी थी। उस दौरान उनकी देखरेख के लिए न तो कोई चिकित्सक मौजूद तहस न कोई नर्स। अगर वो होते तो शायद मेरे पिता की जान बच जाती।’ इधर, लापरवाही के आरोप पर बीएमओ डॉ. अमोष किंडो ने कहा कि बुजुर्ग के इलाजे में कोई लापरवाही नही बरती गई है। चिकित्सक द्वारा उनका इलाज किया गया है। संभवतः उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई होगी।