धमतरी. धमतरी की महिलाओं ने अहिंसा की मिसाल पेश की है. महिलाओं की गांधीगिरी के चलते शराब दुकान में बिक्री शून्य हो गया. आखिर में कलेक्टर को भी झुकना पड़ा. 31 दिन चले आंदोलन के बाद अब शराब दुकान को बंद करने का निर्णय लिया गया है. इस संबंध में आदेश भी जारी हो चुका है. धमतरी के सोरिद वार्ड में एक स्कूल के पास ही शराब दुकान खोल दी गई थी, जिसके विरोध में सोरिद वार्ड व बागतराई की महिलाओं ने 31 अगस्त से गांधी जी की तस्वीर लेकर अहिंसात्मक आंदोलन शुरू किया था. इस दुकान में पहले चार दिन में करीब 5 लाख रुपए की बिक्री हुई थी लेकिन धरना शुरू होने के बाद एक भी ग्राहक दुकान तक नहीं आ पा रहा था. महिलाएं दुकान में आने वाले ग्राहकों को तिलक लगाकर स्वागत करती थीं और उन्हें समझाती थीं कि उनका साथ दे. आखिरकार यहां ग्राहकों ने आना बंद कर दिया.
मार्च-2021 में नवागांव वार्ड की शराब दुकान को सोरिद वार्ड में खोलने की तैयारी की गई, इसके लिए भवन तैयार किया गया. यहां आसपास स्कूल और खेत हैं. विरोध हुआ तो तत्कालीन कलेक्टर जेपी मौर्य ने दुकान शुरू ही नहीं करवाई. कलेक्टर बदलने पर करीब तीन महीने बाद भवन मालिक और विभागीय अफसरों ने 27 अगस्त को इसे शुरू करवा दिया. महिलाएं बारी-बारी से घर की जिम्मेदारी पूरी कर धरनास्थल पहुंचती थीं. दुकान से 100 मीटर दूर पेड़ के नीचे शराब दुकान खुलने से एक घंटे पहले जाकर और दुकान बंद होने तक बैठतीं. रोज दोपहर में आपसी सहयोग से करीब 60-70 लोगों का खाना मौके पर ही बनता था. सेवती साहू, कुमारी साहू, कुमारी यादव, दुलेशिया यादव, रामहीन कंवर, बिमलाबाई साहू, शीला यादव, अनुसुइया सिन्हा और अन्य महिलाओं ने इसे गांधीवाद की जीत बताया.