सीएम योगी को चुनौती देंगे CM भूपेश बघेल, मिली बड़ी जिम्मेदारी

लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में कांग्रेस इन दिनों पूरी ताकत से जुटी नजर आ रही है. कांग्रेस महासचिव और UP प्रभारी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) खुद लगातार लखनऊ में कैंप कर रही हैं. इसके साथ ही अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) को यूपी में कांग्रेस को मजबूत करने नई जिम्मेदारी दी गई है. छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल को UP का वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया है.

 

इस दौरान एक ओर जहां प्रियंका गांधी ने अब दिल्ली छोड़ UP में ही रुकने का ऐलान कर दिया है. तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस हाई कमान ने छत्तीसगढ़ में जारी सियासी अटकलों के बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी न सिर्फ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया है, बल्कि उन्हें छत्तीसगढ़ की तर्ज पर अब UP में भी कांग्रेस को जिताने की एक बड़ी चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी भी सौंप दी है. जिसकी जानकारी खुद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर दी है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि ‘राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी ने उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मुझे पर्यवेक्षक होने का निर्देश दिया है. बड़ी ज़िम्मेदारी है. पूरा प्रयास रहेगा कि शीर्ष नेतृत्व की उम्मीदों पर खरा उतर सकूं. परिवर्तन का संकल्प, कांग्रेस ही विकल्प.’

हालांकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भले ही कांग्रेस ने अब उत्तर प्रदेश का वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया हो, लेकिन भूपेश बघेल की टीम उनके सहयोगी और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी के नेतृत्व में UP पंचायत चुनाव के पहले ही बेहद सक्रियता से उत्तर प्रदेश में काम कर रही है. इस दौरान छत्तीसगढ़ मॉडल के तर्ज पर न सिर्फ UP में भी ग्राम, न्याय पंचायत और ब्लॉक स्तर पर कांग्रेस के मजबूत संगठन को खड़ा किया गया है, बल्कि इस दौरान UP के 100 नेताओं को छत्तीसगढ़ के रायपुर में मास्टर ट्रेनिंग भी दिलाई गई है.

UP कांग्रेस के मास्टर ट्रेनर पूरे UP में प्रशिक्षण से पराक्रम अभियान के हर जिले और विधानसभा में प्रशिक्षण शिविर लगाकर प्रदेश के 2 लाख कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने में जुटे हैं, जिसमें उन्हें कांग्रेस की विचारधारा और उपलब्धियों के साथ सपा, बसपा और भाजपा-RSS की नाकामियों की जानकारी दी जा रही है. जनसंपर्क के साथ सोशल मीडिया के जरिये जन-जन तक पहुंचाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.

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