रायपुर. राजधानी में क्राइम कंट्रोल करने पुलिस के आला अफसरों ने किराएदारों की कुंडली बनाने का फरमान जारी तो कर दिया, लेकिन इसमें न मकान मालिकों ने रुचि दिखाई और न ही थानेदारों की दिलस्पी दिख रही है। नतीजा ये रहा कि फरमान के दस दिन गुजरने के बाद महज 10 हजार आवेदन ही थानों में पहुुंचे हैं। वहीं अधिकांश थानों से आवेदन फार्म ही नहीं है, जिससे मकान मालिक बगैर फार्म लिए वापस लौट रहे हैं। प्रमुख मार्केट में नौकरी करने वाले दूसरे राज्यों के लोगों का भी सत्यापन नहीं किया गया। सबसे अहम है, थाना स्तर पर इस योजना का प्रचार-प्रसार भी नहीं किया गया है। याेजना की लापरवाही से एक बार शहर में चोरी, लूट और डकैती जैसी वारदात कर किराए के मकान में बदमाशों के छिपने की आशंका बढ़ गई है। दरअसल, एसपी ने गत 1 अक्टूबर से किराएदार सत्यापन योजना की शुरुआत की थी। 15 अक्टूबर तक का समय निर्धारित किया गया है। इसके बाद किराएदार सत्यापन नहीं कराने वाले मकान मालिकों पर कठोर कार्रवाई किए जाने की बात कही गई थी।
सत्यापन कराने गंभीर नहीं जानकारी के मुताबिक रायपुर शहर की आबादी करीब 15 लाख है। इनमें करीब 2 लाख से अधिक लोग किराए पर मकान में रहते हैं। खमतराई, पंडरी, खम्हारडीह, उरला, धरसींवा, कबीरनगर, आमानाका, पुरानी बस्ती थाना इलाके में सर्वाधिक किराएदार रहते हैं। कुछ सालभर तो कुछ पांच साल से एक ही मकान में रहते हैं, लेकिन किराएदारों की डिटेल एक बार भी थाने नहीं पहुंची है। सबसे अधिक इन्हीं इलाकों में ताला तोड़कर चोरी की घटनाएं होती हैं। इसके बाद भी पुलिस किराएदार सत्यापन कराने गंभीर नहीं है। बाजारों में 2 लाख से ज्यादा नौकरी पर जानकारी के मुताबिक शहर के गोलबाजार, शास्त्री मार्केट, सदरबाजार, मालवीय रोड, भनपुरी मार्केट और कमर्शियल भवन जैसे रवि भवन, लक्ष्मी कांप्लेक्स में करीब 2 लाख लोग नौकरी करते हैं। सराफा बाजार में नौकरों ने करोड़ों रुपए तक की चोरी को अंजाम दिया है, लेकिन पुलिस नौकरों का सत्यापन नहीं करा सकी। सबसे बड़ी बात है, नौकरों का सत्यापन नहीं कराने वाले एक भी दुकान संचालक के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
क्या है योजना जानकारी के मुताबिक एसपी प्रशांत अग्रवाल ने 1 अक्टूबर से किराएदार सत्यापन योजना की शुरुआत की थी। योजना के तहत सभी मकान मालिकों को अपने किराएदार की डिटेल ऑनलाइन व ऑफलाइन संबंधित इलाके के थाने में जमा करनी थी। आवेदन फार्म थाने से मकान मालिक प्राप्त कर सकते हैं। इन इलाकों में योजना कबाड़ जानकारी के मुताबिक खमतराई और कोतवाली सर्किल के थानों में करीब सबसे अधिक किराएदार रहते हैं। साथ ही 50 हजार लोग दुकानों में नौकरी करते हैं, लेकिन किराएदार सत्यापन योजना का कबाड़ा इन्हीं इलाकों में निकाला जा रहा है। जारी है सत्यापन किराएदारों के सत्यापन का काम चल रहा है। लगभग 8 से 10 हजार तक आवेदन मिलने का अनुमान है। 15 अक्टूबर के बाद कार्रवाई की जाएगी।