सड़क पर लाश बने कोविड सेंटर्स से निकाले गए कर्मचारी : घंटों कफन ओढ़े लेटे रहे, छाती पीटती रहीं युवतियां…पढ़िए पूरी खबर

रायपुर। कोरोना काल में लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने वाले कोरोना वारियर्स आजकल आंदोलित हैं। कोविड सेंटर्स से निकाले गए इन स्वास्थ्य कर्मचारियों ने शनिवार को अलसुबह से ही अनूठा प्रदर्शन शुरू किया है। रायपुर में बूढ़ापारा स्थित धरनास्थल की सड़क पर वे सुबह 5 बजे से ही लाश बनकर लेट गए। पास बैठी युवतियां माथा पीटकर रो रही थीं। वे अपनी बदहाली के जिम्मेदारों को कोस रही थीं और रोजगार की मांग कर रही थीं। ये प्रदर्शन करीब 3 घंटे तक बूढ़ापारा की सड़क पर जारी रहा। इस प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही पुलिस की एक टीम लगभग 9 बजे के करीब मौके पर पहुंच गई। प्रदर्शनकारियों से पुलिस अफसरों ने कहा कि वो सड़क जाम कर रहे हैं। या तो वे फौरन अपना विरोध प्रदर्शन बंद करें या साइड होकर रास्ता खाली करें। बीच सड़क से हटने को ये कोरोना वॉरियर्स राजी नहीं हुए। सुबह के वक्त ही इनकी पुलिस से बहस हो गई। ना मानने की स्थिति में पुलिस की टीम ने 30 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। अब इन्हें सेंट्रल जेल ले जाया गया है।

क्यों आंदोलित हैं ये कोरोना वारियर्स कोरोना काल की शुरुआत में कोविड संक्रमण का भयावह रूप देखने को मिला था। इस दौरान इन कर्मचारियों ने कई कोविड, क्वारंटाइन सेंटर और लैब में बतौर नर्स, वार्ड ब्वॉय, लैब टेक्नीशियन काम किया। बाद में सरकार ने उन अस्थाई सेंटर्स को बंद कर दिया। ये युवा बेरोजगार हो गए। अब ऐसे लगभग 8 हजार कर्मचारी ये मांग कर रहे हैं कि उन्हें रोजगार दिया जाए। इसी मांग को लेकर पिछले दो महीने सेभी ज्यादा दिनों से इनका धरना प्रदर्शन जारी है।

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