भारत में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के लॉन्च हुए पांच साल से अधिक हो गए हैं। आज भारत में उम्मीद से ज्यादा यूपीआई ट्रांजेक्शन हो रहे हैं। जिनके हाथ में स्मार्टफोन है वो हर कोई यूपीआई पेमेंट कर रहा है। कोई पेटीएम से पेमेंट कर रहा है तो कोई गूगल पे से और कोई PhonePe से। पिछले सप्ताह तक सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा था लेकिन PhonePe के एक एलान ने उसके यूजर्स के गुस्से को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया है। PhonePe ने कहा है कि वह अब मोबाइल रिचार्ज के लिए पैसे लेगा। आइए जानते हैं पूरा मामला…
PhonePe ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि वह अब मोबाइल रिचार्ज के लिए शुल्क लेगा। कंपनी के बयान के मुताबिक 50 रुपये से अधिक के रिचार्ज पर 1 रुपये का चार्ज लगेगा, वहीं यदि आप 100 रुपये से अधिक का रिचार्ज करते हैं तो आपसे 2 रुपये का शुल्क लिया जाएगा।
50 रुपये तक और इससे कम के रिचार्ज पर कोई शुल्क नहीं लगेगा, हालांकि PhonePe ने यह भी कहा है कि फिलहाल यह एक प्रयोग है, इसे पूरी तरह से अभी लागू नहीं किया गया है, लेकिन यूजर्स के पैसे कटने शुरू हो गए हैं। फोनपे के यूजर्स सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं और पूछ रहे हैं कि क्या यही डिजिटल इंडिया है?
PhonePe से रिचार्ज करना अभी तक मुफ्त ही था। गूगल पे, पेटीएम, फ्रीचार्ज और अमेजन पे जैसे प्लेटफॉर्म अभी भी फ्री रिचार्ज की सुविधा दे रहे है। फोन ने यह भी कहा है कि रिचार्ज को छोड़कर सभी तरह के पेमेंट पहले की तरह ही फ्री होंगे यानी किसी तरह के यूपीआई पेमेंट पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
इसी साल जुलाई में नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने डाटा शेयर किया था जिसमें बताया गया था कि फोन का मार्केट बहुत बड़ा है। यूपीआई में अकेले PhonePe का मार्केट शेयर 46.04 फीसदी है। इसी साल जून में फोनपे के जरिए 1,292.71 मिलियन ट्रांजेक्शन हुए थे जो कि 2,62,565.88 करोड़ रुपये थे। सितंबर में यह आंकड़ा 1,653.19 मिलियन बढ़कर 3,06,437.37 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था।