राजधानी के जिला अस्पताल पंडरी को जल्‍द मिलेगी ब्लड बैंक की सौगात

रायपुर : राजधानी के पंडरी स्थित 100 बिस्तर जिला अस्पताल में जल्‍द ही ब्लड बैंक की सुविधा शुरु होगी। जिला अस्पताल में ब्लड बैंक की सुविधा प्रारंभ होने से अब खून के लिए डॉ अंबेडकर अस्‍पताल के मॉडल ब्‍लड बैंक और निजी ब्‍लैड पर निर्भरता खत्म होगी। यहां हर ग्रुप के ब्लड को स्टोर करके रखा जाएगा। इसके लिए ब्लड रेफ्रिजरेटर मशीनें भी आ चुकी है। इसके साथ ही काली बाड़ी स्थित मातृ-शिशु अस्‍पताल में भी ब्लड स्टोरेज सेंटर संचालित हो सकेगी। ब्लड बैंक के शुभारंभ को लेकर पूरी यूनिट की तैयारी जिला अस्‍पताल प्रबंधन द्वारा कर ली गई है। ब्लड रेफ्रिजरेटर मशीन में अनटेस्‍टेड  ब्लड, टेस्‍टेड ब्‍लड, रिसेंट किट, ब्‍लड जांच के लिए लैब सहित वातानुकुलित सिस्‍टम, डोनर के लिए काउंसलिंग कक्ष सहित पूरी तरह से प्रबंध कर ली गई है। ब्‍लड बैंक का शुभारंभ दिपावली से पहले करने की तैयारी चल रही है। इसके बाद ही शहरवासियों को इसका लाभ बाद से मिलने लगा है।
जिला अस्‍पताल के सिविल सर्जन व सह अधीक्षक डॉ. रवि तिवारी ने बताया, सेंट्रल फूड एवं ड्रग कंट्रोल मुबई की टीम ने सितंबर महीने में अस्‍पताल का निरीक्षण कर ब्‍लड बैंक के लिए निर्धारित गाइड लाइन भवन और मेडिकल यूनिट का मैप को एप्रुवल देते हुए लाइसेंस जारी कर दिया है। ब्‍लड बैंक को 3 मई  2019 से 2 मई 2024 तक यानी 5 साल के लिए ब्लड बैंक चलाने का लाइसेंस मिला है। इसके बाद रिनुवल करवाया जाएगा। जिला अस्‍पताल में ब्‍लड बैंक स्‍थापना के लिए छत्‍तीसगढ एड़स कंट्रोल सोसायटी रायपुर द्वारा परमिशन देते हुए एनओसी प्रदान कर दिया गया है। इसके अलावा ब्‍लड बैंक को लेकर जरुरी संशाधनों की उपलब्‍धता को लेकर औषधि एवं खाद्य प्रशासन विभाग रायपुर ने भी अपनी रिपोर्ट भेज दिया हैं। जिला अस्‍पताल में ब्‍लड बैंक की सौगात स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के द्वारा उद़घाटन किया जाएगा।

प्रदेश के सभी जिलों में 27 शासकीय ब्‍लड बैंक और निजी ब्‍लड बैंक 58 लाइसेंसीकृत संचालित हैं। अब रायपुर जिला अस्‍पताल में सुविधा शुरु होने पर यह संख्‍या बढ़कर शासकीय अस्‍पतालों में 28 हो जाएगी। प्रदेश में गत वर्ष 2018-19 के दौरान 2.15 लाख यूनिट ब्‍लैड बैंकों को सालभर में रक्‍तदान से प्राप्‍त हुआ। रक्‍तदान किसी भी प्रदेश और जिले के आबादी के अनुपात में एक प्रतिशत होना चाहिए। छत्‍तीसगढ राज्‍य की आबादी 2.60 करोड़ है तो इस अनुपात से 2.60 लाख यूनिट रक्‍त दान की जरुरत है। ब्लड बैंक खुलने से रक्त की कमी तो दूर हो जाएगी।
ब्लड की पर्याप्त उपलब्धता हो इसके लिए जल्द ही अस्पताल प्रबंधन द्वारा रक्त दान दाताओं व युवाओं के समूह से संपर्क करके रक्तदान शिविर का आयोजन करेंगे। किसी मरीज को तत्काल में ब्लड की जरूरत हो और वह ब्लड बैंक में ना मिल पाए तो उस ग्रुप के रक्तदाता से भी संपर्क करके यहां उन्हें ब्लड चढ़ाने की सुविधा मिल जाएगी । इसकी सुविधा होने के कारण एक्सीडेंटल केस में गंभीर घायल को रक्त तो चढ़ाया जा सकेगा।  बाकी अन्य केस में जिन्हें रक्त की जरूरत हो, उन्हें समय पर रक्त मिल पाएगा। जैसे प्रसव, एनीमिया के केस में ज्यादा सुविधा मिलेगी। सिजेरियन प्रसव के दौरान ब्‍लड चढ़ाने के लिए कालीबाड़ी अस्‍पताल में ब्‍लड स्‍टोरेज की व्‍यवस्‍थता होने से भी अब आसानी से हो सकेगा। अक्सर प्रसव के समय ही महिलाओं को खून ज्यादा बहने के कारण ब्लड की जरूरत पड़ती है। ब्लड बैंक से खासकर गरीब परिवार को बहुत राहत मिलेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *