तो क्या आ गयी है कोरोना की तीसरी लहर? Omicron से सावधानी ही है बचाव, रहें सतर्क

CoronaVirus Third Wave in India: कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) को लेकर देश-दुनिया में तहलका मचा हुआ है. दक्षिण अफ्रीका में पता चले इस वायरस को लेकर डर का माहौल बना हुआ है. कहा जा रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर का कारण बना डेल्टा वायरस से कोरोना का ये नया वैरिएंट ज्यादा म्यूटेट करनेवाला और शक्तिशाली है. कोरोना की दूसरी लहर को झेल चुके देश इस नए वैरिएंट को लेकर ज्यादा चिंतित हैं. कोरोना की दूसरी लहर के बाद इसकी तीसरी लहर की आशंका भी व्यक्त की गई थी. हालांकि इस नए वैरिएंट Omicron की वजह से तीसरी लहर आएगी, यह कहना अभी मुश्किल है, लेकिन यह वैरिएंट तीसरी लहर का कारण बन सकता है. ऐसा वैज्ञानिकों का मानना है

9 नवंबर को Omicron का पता चला, कई देशों ने लगाईं पाबंदियां

बीते 9 नवंबर को साउथ अफ्रीका में पहली बार यह वैरिएंट Omicron डिटेक्ट हुआ और अब यह तेजी से फैल रहा है. बता दें कि महज 20 दिनों में अफ्रीका के बाद यूरोप और एशिया समेत यह नया वैरिएंट कई महाद्वीप तक पहुंच गया है. एक्सपर्ट्स इस नए वैरिएंट को डेल्टा समेत कोरोना के सभी वैरिएंट से इसे कई गुना ज्यादा संक्रमण क्षमता वाला बता रहे हैं. इसलिए लोगों को अभी पूरी सतर्कता बरतने की जरूरत है. इससे बचाव के लिए दुनिया के कई देशों की तरफ से कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. भारत में भी केंद्र सरकार ने गाइडलाइंस जारी कर दी हैं, जिसका पालन करना जरूरी है,  इनकी अनदेखी अब लोगों पर भारी पड़ सकती है.

अनदेखी पड़ेगी भारी, तीसरी लहर की हो सकती है शुरुआत 

इस बात के अभी कोई पुख्ता प्रमाण नही है कि यही वैरिएंट कोरोना की तीसरी लहर लाएगा, लेकिन यह वैरिएंट तीसरी लहर का कारण हो सकता है. इसीलिए हमें लापरवाही नही बरतनी चाहिए. को-मोरबीडीटीज यानी हाई रिस्क पेशेंट जिनमें ट्रांसप्लांट वाले मरीज, ब्लड प्रेशर, शुगर, हार्ट डिजीज, लिवर समेत गंभीर रोगों से जूझ रहे लोगों को इस नए वैरिएंट की वजह से ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. इन सभी को CAB यानी कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करना अनिवार्य है. मास्क का इस्तेमाल और दो गज की दूरी का ध्यान रखना होगा.

ओमिक्रॉन वैक्सीन को भी चकमा दे सकता है, ज्यादा सावधानी बरतें

एम्स के प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोरोना के नए ओमीक्रोन वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में 30 से अधिक परिवर्तन मिले हैं, जो इसे प्रतिरक्षा तंत्र से बचने की क्षमता विकसित करने में मदद कर सकता है. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि यह टीकों को चकमा देने में सक्षम हो सकता है. अगर यह वैरिएंट इम्यूनिटी एस्केप और वैक्सीनेशन से भी एस्केप करता है. यानी इन दोनों का इस पर असर नहीं पड़ता है तो फिर इससे निपटने का तरीका सिर्फ कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर ही है इसमें मास्क पहनना, फिजिकल डिस्टेंसिंग, पब्लिक गैदरिंग को बंद करना या सीमित करना जैसे अहम एहतियात हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *