रायपुर : आधुनिक जीवनशैली में भागदौड़ से भरी दिनचर्या में हृदय संबंधी रोग आम हो चले हैं। ऐसे में समय रहते जाँच की सुविधा मिल जाए तो जिंदगी की रफ़तार को तेज करने में हृदय की गति साथ देती है। शासकीय जिला अस्पताल पंडरी के हृदय रोग विभाग को जल्द ही अत्याधुनिक ईको कार्डियोग्राफी व टीएमटी मशीन की सुविधा मिलने वाली है। इसका शुभारंभ अक्टूबर महीने के आखरी सप्ताह तक करने की तैयारियां में अस्पताल प्रबंधन द्वारा की जा रही है। कलेक्टर एस. भारतीय दासन ने जिले की सरकारी अस्पतालों में मरीजों को अच्छी इलाज की सुविधा प्रदान करने जरुरी संसाधन जुटाने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि विगत सालों में रायपुर जिला अस्पताल को स्वस्थ्य विभाग द्वारा कायाकल्प योजना से भी सर्वश्रेष्ठ जिला अस्पताल नवाजा जा चुका है।
ऐसे में प्रदेश में जिला अस्पताल को मॉडल के रुप में विकसित करने शासन जरुरी फंड भी उपलब्ध करा रही है। राजधानी के जिला अस्पताल में महीने में लगभग 15000 से ज्यादा मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं। इस मशीन से हृदय रोगों की जांच सटिक और सही जानकारी मिलती है। इको टेस्ट को इको कार्डियोग्राफी के नाम से जाना जाता है। इस टेस्ट में ध्वनि तरंगों (अल्ट्रासाउंड) का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें दिल की अंदुरुनी तस्वीरें बनाई जाती है। इकोकार्डियोग्राफी दिल की गतिचाल (Movement) की एक चित्रात्मक रूपरेखा (Graphic outline) होती है। इको टेस्ट के दौरान, हाथ में पकड़ी एक छड़ी को आपकी छाती के ऊपर रखा जाता है, जो हार्ट वाल्व व चैम्बर आदि की तस्वीरें प्रदान करती है और जांचकर्ताओं को दिल के पंपिंग कार्यों की जांच करने में मदद करती है।
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन सह अधीक्षक डॉ रवि तिवारी ने बताया, डॉक्टर के जांच के दौरान हृदय की धड़कन में किसी प्रकार की असमान्यता होने पर इको से जांच करवाना चाहिए। वहीं ईसीजी मशीन में जांच से हृदय से संबंधित असामान्यता, छाती में दर्द या सांस फूलना आदि जैसी दिल की समस्याओं से जुड़े लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो इस स्थिति में इको टेस्ट की सुविधाएं मरीजों को इमरजेंसी के दौरान जांच में सहायता मिलेगी। किसी अन्य टेस्ट के दौरान दिल में किसी प्रकार की असामान्यता का पता लगता है, जैसे स्टीथोस्कोप के दौरान अगर डॉक्टर को दिल धड़कने की आवाज में कुछ असामान्यता महसूस होती है, तो डॉक्टर इको टेस्ट करवाने का सुझाव दे सकते हैं। वहीं मरीजों के ऑपरेशन के बाद ईलाज के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए इको कराया जाता है।
सिविल सर्जन डॉ. तिवारी ने बताया, ईको टीएमटी यूनिट के आधुनिक मशीन से सोनोग्राफी के साथ इको भी होगा। यानी पेट और हृदय दोनों रोगों का जांच एक ही मशीन से किया जाने की सुविधा जल्द ही मिलने वाली है। इसके लिए जिला अस्पताल पंडरी में तैयारियां चल रही है। इकोर्डियोग्राफी से दिल की संरचनाओं की वास्तविक गति और संरचना की जानकारी मिल सकेगी। हृदय के आकार में अंतर, हृदय की पंप करने की क्षमता में कमी, हार्ट वाल्व संबंधी रोग व समस्याएं, दिल की मांसपेशियों में क्षति, हृदय में ट़यूमर और जन्मजात हृदय रोग की जांच आसानी से उपलब्ध हो सकेगी।
जिला अस्पताल में सुपर स्पेश्लिटी इलाज की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रदेश के निजी अस्पतालों में कार्यरत़ स्पेश्लिट सर्जन की ओपीडी की व्यवस्था भी जल्द शुरु होगी। यहां विशेषज्ञ चिकित्सक ओपीडी में इलाज और ऑपरेशन भी निशुल्क करेंगे। इसके लिए राज्य शासन के मंशानुरुप रामकृष्ण केयर, एमएमआई नारायणा, श्री नारायणा, संजीवनी केंसर हॉस्पिटल, श्रीबालाजी हॉस्पिटल, सुयश, कालडा, एमजीएम नेत्रालय, व्हीवाई हॉस्पिटल सहित अन्य हॉस्पिटल के विशेषज्ञ चिकित्सक अपनी सेवा देंगे। इससे गरीब व जरुरतमंद लोगों को समय-समय पर गंभीर रोगों का इलाज मिल सकेगा।