रायपुर : राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं आत्महत्या रोकथाम जागरूकता के संबंध में शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अभनपुर में छात्राओं के लियें चित्रकला , निबंध प्रतियोगिता एवं स्लोगन प्रतियोगिता एवं जागरूकता कार्यशाला का आज आयोजन किया गया।
इस अवसर पर सहायक चिकित्सा अधिकारी एवं जिला चिकित्सालय, रायपुर, मनोरोग विभाग के डॉ डीएस परिहार ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा:‘’कॉलेज नहीं नॉलेज के लिए पढ़ें।आप किसी चीज में असफल होते हैं, इसका अभिप्राय यह नहीं कि जीवन का अंत हो गया। असफलता का ही अनुभव लेकर सफलता के मार्ग को प्रशस्त किया जा सकता है।’’
उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य का उदाहरण देते हुए कहा शिक्षा के साथ-साथ नियमित कार्य का प्रबंधन करना होगा । अगर नियमित दिनचर्या का प्रबंधन सही तरीके से होता है तो तनाव की नाव में चढ़ने से बच सकते हैं । “अगर गलती से हम तनाव की नाव में चढ़ जाऐं फिर भी हमको अपना आत्मबल नहीं खोना है । आवेश में आए निर्णय को अपने आपसे कंट्रोल करना होगा। साथ ही अगर हम तनाव में हैं तो अपनी समस्या को हम अपने करीबी दोस्तों और अपने बड़ों को खुलकर बताएं।अगर आपको लगता है आप उनको नहीं बता पा रहे हैं तब अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जा कर भी अपनी परेशानी के बारे में बता सकतें हैं । स्वास्थ्य विभाग द्वारा 104 नंबर टोल फ्री की सुविधा उपलब्ध कराई गई है वहां पर से भी आप अपनी मानसिक स्वास्थ्य की समस्या बताकर परामर्श ले सकते हैं आपका नाम और जानकारी गुप्त रखी जाती है,’’ उन्होंने बताया ।
डॉ परिहार ने देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे कलाम के जीवन का उदाहरण देते हुए बताया जीवन में आ रही असफलताओं से कैसे लड़ा जाता है और कैसे एक साधारण परिवार का व्यक्ति महान वैज्ञानिक और भारत का राष्ट्रपति बनता है। डॉ परिहार ने कहा ऐसे अनेक उदाहरण हैं जो असफलता में धैर्य रखना सिखाते हैं और जीवन जीने के रास्ते भी निकालने के लिए प्रोत्साहित करते हैं । आज की स्थिति में विद्यार्थियों में हो रहे तनाव को दूर करने के लियें उन्होंने कहा बच्चे टीवी, मोबाइल पर ज्यादा व्यस्त रहते हैं। उन्हें खेलकूद के मैदान में भी जाना चाहिए जिससे स्वस्थ मन और स्वस्थ तन का विकास हो । समय पर ही काम खत्म कर लेना चाहिए। समय पर काम पूर्ण ना होने से मन में अनेकों विचारधाराएं और साथ ही निराशा, उदासीनता के भाव उत्पन्न होते हैं,’’ उन्होंने कहा ।
समाज में नशा और उसके दुष्प्रभाव पर चर्चा करते हुए डॉ परिहार ने छात्राओं को बताया नशा छुडाने के लिए मनोरोग विभाग रायपुर में इलाज निशुल्क किया जाता ।
इस अवसर पर प्राचार्य आरके साहू, मनोवैज्ञानिक ममता गिरी गोस्वामी, शिक्षक-शिक्षिकाओं सहित विद्यालय की लगभग 400 छात्राएं उपस्थित रही ।कार्यशाला में ग्रामीणों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया ।