रायपुर : राजधानी के वृंदावन हॉल में तृतीय लिंग समुदाय के स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता लाने कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रदेशभर से जुटे किन्नर समुदाय ने इस बार दिवाली पर्व पर नशा मुक्ति लेकर जीवन को सार्थक बनाने का संकल्प लिया गया। समाज कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ शासन , राष्ट्रीय समाज रक्षा संस्थान, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, नई दिल्ली और छत्तीसगढ़ मितवा संकल्प समिति के द्वारा संयुक्त रुप से तृतीय लिंग समुदाय के अंदर नशे के बचाव व रोकथाम से संबंधित जागरुकता पर आधारित कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यक्रम में अतिथि वक्ता के रुप में सहायक पुलिस महानिरीक्षक ( सीईडी ) पूजा अग्रवाल ने बताया, नशे की आदत को गंभीरता से लेना चाहिए तथा किसी भी प्रकार की शारीरिक व मानसिक हानि होने से पहले ही हमें मनोचिकित्सक से इलाज कराना चाहिए। पुलिस निरीक्षक( नार्कोटिक शाखा) बालेश्वर लहरे ने नशे की वजह से होने वाले गंभीर परिणाम के बारे में जानकारी दिया।
नशा मुक्ति अभियान के प्रशिक्षक रवीना बरिहा ने बताया, नशा के गिरफ़त में लोग धीरे-धीरे फंसते चले जाते हैं। नशे की आदात की वजह से कई तरह के अपराधिक प्रवृत्तियों में भी लिप्त रहते हैं। रविना ने बताया, नशे की लत धीरे- धीरे शरीर को खोखला बना देता है। और नशा हमारी मनोदशा, सोचने की प्रक्रिया, व्यवहार संचालन को भी प्रभावित करता है। उन्होंने नशे के प्रकार के बारे में बताया, लोग शराब, तंबाकू, सिगरेट, गांजा, ड्रग्स, सोल्यूशन सहित अलग- अलग चीजों से नशापान करते हैं जिससे स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड़ता है। नशा के कारण ही अकेलापन, जिज्ञासा, कठिन परिस्थितियों, तनाव, निराशा व अवसाद से बचने के लिए नशा लेने लगता है। जब व्यक्ति नशे पर निर्भर हो जाता है तो शरीर में इसके हानिकारक प्रभाव भी नजर आने लगते हैं। समाज कल्याण विभाग द्वारा नशा मुक्ति केंद्र खोले गए हैं जहां पर नशे की लत वाले लोगों का इलाज किया जाता है।
विद्या राजपूत ने बताया, नशे के कारण हमारा यौन व्यवहार अत्यंत जोखिमभरा हो जाता है। जिसके कारण एचआईवी से ग्रसित होने का खतरा बढ़ जाता है। नशे की लत में लोग हिंसा पर उतारु होकर कई तरह के अपराधों की घटना में शामिल हो जाते हैं। उन्होंने बताया, नशे की वजह से सिर्फ शारीरिक ही नहीं आर्थिक क्षति भी होती है। तृतीय लिंग दुर्ग जिला कमेटी की सदस्य कंचन शेंद्रे ने बताया, हमें तनाव व अवसाद को दूर करने के लिए नशे का नहीं मनोचिकित्सक का सहारा लेना चाहिए। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत प्रदेश के सभी जिला अस्पताल में स्पर्श क्लीनिक की स्थापना की गई है जहां मनोचिकित्सक द्वारा निशुल्क इलाज कर दवाईयां और परामर्श भी दिए जाते हैं।
प्रीति ने बताया, वह पहले नशे की बहुत आदि थी लेकिन धैर्य और इच्छाशक्ति के बल पर उसने धीरे-धीरे इसे छोड़ने में सफलता हासिल कर लिया । कार्यशाला में किन्नर समुदाय के सदस्यों ने नशे के बचाव व हानि के संबंध में अपने विचार भी रखें। इस तरह सन्नी, शिवानी, जया, आसमां और मोनिका ने भी बताया कि किस तरह से नशा मुक्ति केंद्र के काउंसलर की मदद और मार्गदर्शन से अपने नशे की आदत पर काबू कर लिया।
इस अवसर पर किन्नर समाज के प्रमुख गुरू रमा गुरू मुख्य अतिथि के रुप में व सहायक पुलिस महानिरीक्षक वर्षा मिश्रा भी उपस्थित रहीं। भाजपा के रायपुर शहर जिला अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने किन्नर समुदाय के लिए कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं दीपा गुरु, शोभा गुरु, रमा गुरु, विद्या राजपूत, निशा, माही, शालू जॉन व काजल गुरु को शाल और श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में सांस्कृतिक डांस, कथक, ओडिसी नृत्य, गीत व छत्तीसगढी़ लोकगीतों के माध्यम से नशा मुक्ति का संदेश देते हुए डांस प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में सम्मिलित होने दुर्ग जिले से तृतीय लिंग समुदाय के 150 सदस्य उपस्थित थे।