सरकार ने सभी विभागों के ऑनलाइन टेंडर पर रोक लगाई, अब होंगे मैनुअल

रायपुर। प्रदेश में ई-टेंडर घोटाला उजागर होने के बाद मौजूदा सरकार ने सभी विभागों में ऑनलाइन टेंडर पर रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि उन्होंने ई-टेंडर में होने वाले घोटाले को रोकने के लिए मैनुअल टेंडर कराने का निर्देश जारी किया है। सरकार के इस फैसले पर विपक्ष ने सियासत शुरू कर दी है। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि मौजूदा सरकार अपने लोगों को टेंडर देने के लिए षड्यंत्र कर रही है। इसमें बहुत बड़ा भ्रष्टाचार होगा। रमन के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल में होने वाले 4601 करोड़ के ई-टेंडरिंग घोटाले को न भूलें। वे पहले उसका हिसाब दें, उसके बाद मैनुअल टेंडर पर आपत्ति करें। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने मैनुअल टेंडर पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की आशंका जताई है। उनका कहना है कि देशभर में जो प्रक्रिया चल रही है, उसे प्रदेश की मौजूदा सरकार न अपनाकर पुरानी प्रक्रिया में जा रही है। ई-टेंडर में ईमानदारी के साथ काम होता है। सब पारदर्शी होता है। मैनुअल टेंडर में निचले स्तर के लोगों से सांठगांव करके भ्रष्टाचार का षड्यंत्र रचा जा रहा है। भाजपा इसका विरोध करेगी। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस सरकार पारदर्शिता के साथ काम कर रही है। रमन की सरकार में नवंबर 2015 से मार्च 2017 तक 1459 टेंडर डालने के लिए एक ही ईमेल आइडी का उपयोग किया गया। 17 विभागों के अधिकारियों ने 4601 करोड़ के टेंडर में 74 कम्प्यूटर का उपयोग निविदा अपलोड और निविदा भरने में किया गया। यह बहुत बड़ा घोटाला है। त्रिवेदी ने कहा है कि घोटाले रोकने वाले हर कदम से रमन को तकलीफ क्यों होती है, इसका जवाब दें।

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