रायपुर : स्वास्थ्य विभाग जन-जन तक स्वास्थ्य सुविधायें पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना और मुख्यमंत्री शहरी स्लम क्लीनिक योजना संचालित कर रही है। इस योजना का मुख्य उदेश्य है आम लोगों के बीच स्वास्थ्य मुहैया कराते हुए जानकारी प्रदान करना है, ताकि लोग बीमार होने से पहले ही स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। समय रहते बीपी, शुगर, आंख, ब्लड जांच करा ले तो अस्पताल जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। हाट बाजार क्लिनिको को राज्य भर के सभी जिलों में बड़ी सफलता और लोकप्रियता मिल रही है। प्रदेश के 27 जिलों में सितंबर 2019 माह में 2.20 लाख मरीजों ने हाट बाजार योजना का लाभ उठाया। पहुंच विहिन गांव के कुल 4468 हाट बाजारों में जहां से स्वास्थ्य केंद्रों की दूरी ज्या्दा है ऐसे 3335 हाट बाजारों में मेडिकल टीम ने क्लिनिक लगाये गये हैं।
बीपी, शुगर, नेत्र रोग, डायरिया से पीडि़त मरीजों को मिला हाटबाजार में इलाज:
रायपुर जिले में 28 अगस्त 2019 से 4 विकासखंडों में कुल 8-8 बाजार क्लींनिक लगाया जा रहा है। जिले में अब तक कुल 55 हाट बाजार क्लीानिक लगाकर चिकित्संकीय दल द्वारा 2736 मरीजों को शिविर में लाभ पहुंचाया गया है। और 2325 मरीजों को भी दवाईयों का वितरण किया गया। हाट बाजार क्लींनिक के टीम ने 78 लोगों का ब्लड सेंपल लेकर जांच किया लेकिन मलेरिया के एक भी मरीज नहीं मिले। जबकि एनिमिया जांच में 442 मरीजों में खून की कमी, 96 लोगों में बीपी की शिकायत, 28 लोग मधुमेंह के संभावित मरीज है मिले जिन्हेंक जिला अस्पताल और डॉ अंबेडकर अस्पताल में रिफर किया गया है। इनके अलावा 66 लोगों में नेत्र संबंधित विकार, 61 मरीज डायरिया मिले हैं। शिविर में 1197 मरीजों के जांच में सामान्य मौसमी बीमारी सर्दी व खांसी जैसे पाए गए जिन्हें दवाईयां दी गई।
शरीर के रुटीन चेकअप से होगा बीमार होने से बचाव:
सीएमएचओ डॉ.श्रीमती मीरा बघेल ने बताया, जिले के प्रत्ये क विकासखंडों में सामुदायिक स्वास्थ्य, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व उप स्वाास्थ्य केंद्र स्थापित है, लेकिन इन क्षेत्रों में रहने वाले कुछ ग्रामीण काम की व्यस्तता के कारण अपनी बीमारियों को लेकर अस्पतालों तक नहीं पहुंच पाते हैं। ग्रामीणों को अपनी रोजमर्रा के कामकाज के दौरान यहां तक रोजी रोटी कमाने में बहुत तकलीफ होती है। शरीर में बीमारी के लक्षण नजर आने पर भी श्रमिक अस्पताल तक पहुंच नहीं पाते थे। डॉ. श्रीमती बघेल ने कहा, स्वा स्य् त विभाग के जिला स्तरीय कार्यालय से स्वास्थ्य संबंधित सभी प्रकार की स्वास्थ्य योजनाओं का संचालन किया जाता है। उन्होंने कहा, हाटबाजार क्लीनिक और शहरी स्लम क्लीनिक योजना की तरह ऐसे कार्यालय जहां प्रतिदिन 200- 300 लोग पहुंचते हैं हेल्थ चेकअप कैम्प् लगाया जाएगा। ताकि लोग बीमार होने से पहले ही समय रहते स्वास्थ्य के प्रति सजग हो सकें।
केस-1, मधु को मिला जोड़ों के दर्द से राहत :
ऐसे ही मुश्किल हालात से जुझने वाली आरंग विकासखंड में रहने वाली भंडारपुरी गांव के 48 वर्षीय महिला मधु कुमारी को उनके जोड़ों में हमेशा दर्द की शिकायत रहती थी, इस वजह से ना तो वो अपने घर का काम, ना तो खेती बाड़ी का काम कर पा रही थी। लेकिन मुख्यसमंत्री हाट बाजार क्लीघनिक योजना अंतर्गत उनके घर के ही नजदीक प्रत्येहक शनिवार को बस्तीसपारा के हाट बाजार में ही चिकित्सीजय परामर्श सुविधा के साथ सभी जांच नि:शुल्क दवाईयां मिलने से जोड़ों के दर्द से राहत मिल पाई और अब वह अपने घर के काम के साथ-साथ अपने खेती बाड़ी में भी सहयोग हुई है।
केस-2, लोकनाथ को बीपी व शुगर से मिला राहत :
इस प्रकार विकास खंड अभनपुर के दादर झोरी गांव में प्रत्येहक गुरुवार को लगने वाले हाट बाजार क्लीवनिक में उसी गांव के 43 वर्षीय सचिव लोकनाथ साहू जिनके जांच करने पर उनका ब्ललड प्रेशर 208/ 125 मतलब उच्चो रक्तन चाप से ग्रसित पाया गया। इसके साथ ही उनका शुगर 307 बढा हुआ पाया गया। उपस्थित चिकित्समकीय दल द्वारा उनकों नि:शुल्का दवाई के साथ-साथ स्वास्थ्य जीवन शैली के बारे में परामर्श भी दिया गया और जब वो अगले सप्ताह के हाट बाजार क्लीनिक में वापस जांच के लिए आए तो उनका ब्लेड प्रेशर पहले की अपेक्षा कम आया और उनको आगे की जांच के लिए जिला अस्पताल रिफर किया गया। अब उस गांव के सचिव बिना चिंता के गांव के विकास के लिए कार्य करने लगे हैं।