पूर्णिया में डेंगू की दहशत, सदर अस्पताल में 100 से ज्यादा मरीज भर्ती पर जांच और इलाज की सुविधा नहीं

पूर्णिया. बिहार के सीमांचल इलाके में डेंगू का कहर (Dengue Fever) लगातार बढ़ रहा है. पूर्णिया (Purnia) समेत आसपास के जिलों में डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या में रोज इजाफा हो रहा है. इसके बावजूद पूर्णिया में इस बुखार से पीड़ित मरीजों के इलाज की समुचित सुविधा नहीं है. हद तो यह है कि सीमांचल (Seemanchal) में मेडिकल हब के नाम से पहचाने जाने वाले पूर्णिया जिले के सदर अस्पताल में डेंगू की जांच के लिए न तो एलिजा (ELISA Test) टेस्ट की व्यवस्था है और न ही मरीजों को प्लेटलेट्स (Platelets) चढ़ाने का इंतजाम. आईसोलेशन वार्ड में डेंगू के साथ ही डायरिया के मरीज भी रह रहे हैं. पूर्णिया सदर अस्पताल (Purnia Sadar Hospital) में डेंगू से पीड़ित अब तक 112 मरीज भर्ती हो चुके हैं, लेकिन इनके इलाज के लिए सरकारी तंत्र की सुस्ती अब भी टूटी नहीं है.

बारिश और जलजमाव से फैला डेंगू

पूर्णिया और आसपास के इलाकों में बारिश औऱ जलजमाव के कारण डेंगू तेजी से फैल गया है. सदर अस्पताल पूर्णिया के अलावा शहर के अन्य अस्पतालों में रोज नए मरीज भर्ती हो रहे हैं. सदर अस्पताल में भर्ती कई मरीजों के परिजनों ने बताया कि हॉस्पिटल में इलाज तो हो रहा है, लेकिन यहां एलिजा टेस्ट या प्लेटलेट्स चढ़ाने का इंतजाम नहीं हैं. और तो और अस्पताल में डेंगू के मरीजों के अलग से इलाज की सुविधा न होने से परेशानी और बढ़ जाती है. अस्पताल के छोटे से आईसोलेशन वार्ड में डेंगू के पीड़ितों के साथ-साथ डायरिया और अन्य संक्रामक बीमारियों के मरीज भी रह रहे हैं. ऐसे में डेंगू पीड़ितों का इलाज भगवान भरोसे ही हो रहा है.

IMA के पूर्व अध्यक्ष कोस रहे सरकार को

डेंगू की बढ़ती दहशत के बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आईएमए (IMA) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एसके वर्मा का कहना है कि उनके संगठन ने कई बार पूर्णिया में प्लेटलेट्स चढ़ाने के लिए सेपरेटर मशीन की मांग की. इसके लिए प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखा गया, लेकिन आज तक पूर्णिया में यह सुविधा नहीं मिल सकी. उन्होंने कहा कि पूर्णिया सदर अस्पताल में इलाज कराने के लिए बंगाल और नेपाल के अलावा सीमांचल और कोशी क्षेत्र से हजारों लोग प्रतिदिन आते हैं. इसके बावजूद यहां इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है. डॉ. वर्मा ने डेंगू के कहर को लेकर कहा कि बीमारी तो है, लेकिन उससे ज्यादा लोगों में इसको लेकर दहशत है. उन्होंने बताया कि इस बीमारी में समय पर इलाज हो जाने से मरीज शत-प्रतिशत ठीक हो जाता है.

सुविधाओं का रोना रो रहे सिविल सर्जन

इधर, सदर अस्पताल में डेंगू का समुचित इलाज न मिलने को लेकर सिविल सर्जन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि अस्पताल में अब तक डेंगू के 112 मरीज भर्ती हो चुके हैं. शहर के निजी अस्पतालों में भी कई लोग भर्ती हैं. उन्होंने बताया कि यहां किट के जरिए डेंगू मरीज की जांच की जाती है. एलिजा टेस्ट के लिए मरीजों को भागलपुर भेजना पडता है. उन्होंने कहा कि सेपरेटर मशीन के लिए चार माह से पैसे रखे हैं, लेकिन इंस्टॉलेशन के लिए कंपनी के कर्मी नहीं आए हैं. सीएस ने कहा कि प्रभावित इलाके में फॉगिंग कराई जा रही है, लेकिन छोटी मशीन की वजह से सभी जगहों पर फॉगिंग नहीं हो पा रही है.

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