मल्टीमीडिया डेस्क। दिपावली को धन की देवी महालक्ष्मी की प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा की जाती है। साथ ही दीपोत्सव के पांच दिनों में घर में धन, संपत्ति और समृद्धि का आगमन हो इसकी कामना की जाती है। दिवाली के अवसर पर उपहार देने का भी प्रचलन है। दीप पर्व के दौरान लोग अपने दोस्तों, संबंधियों और अपने सहयोगियों को उपहाक देते हैं। लेकिन उपहार देते समय भी कुछ खास बातों का ख्याल रखना आवश्यक है।
यह वस्तुएं उपहार में दें
दिपावली के अवसर पर प्राचीनकाल से उपहार के रूप में मिठाई देने की परंपरा चली आ रही है। मिठाई का तोहफा देना शुभ माना जाता है और माना जाता है कि इससे रिश्तों में प्रगाड़ता आती है। इसी तरह अब ज्यादा चलन सूखे मेव् देने का आ गया है। इसलिए सूखे मेवे उपहार में दिए जा सकते हैं। यह जल्दी खराब भी नहीं होते हैं। रंगीन मोमबत्ती से लेकर डिजाइन वाले दीपक भेंट में दिए जा सकते हैं। हाथ से बने हुए खूबसूरत तोहफे दिए जा सकते हैं, जो जिंदगीभर यादगार तोहफे रहेंगे। चांदी के सामान्य सिक्के भेंट किए जा सकते हैं।
यह वस्तुएं उपहार में न दें
उपहार में जल से संबंधित वस्तुएं न दें। जल में देवी लक्ष्मी का वास माना गया है और जल को अस्थिरता का प्रतीक माना जाता है। दिपावली के दिन कोई नुकिली या तीखी वस्तुएं भेंट में न दे। कोई हथियार भी इस दिन देना अच्छा नहीं माना जाता है। माना जाता है कि इस तरह का उपहार देने से रिश्तों में दरार आती है। बर्तनों को उपहार में दिया जा सकता है, लेकिन पानी का जग या ग्लास उपहार में देने से बचना चाहिए। इसी तहह सोने-चांदी के सिक्के जिनके ऊपर गणेशजी या लक्ष्मीजी बने हो उपहार में नहीं देना चाहिए। अष्टधातु या मिश्रधातु से बनी वस्तुएं भी उपहार में न दें। दीपावली के दिनों में गण्शजी या लक्ष्मीजी की प्रतिमा उपहार में न दे। ऐसा करने से सौभाग्य उपहार के साथ चला जाता है।