रायपुर। दिवाली पर सभी मां लक्ष्मी की पूजा-आराधना करेंगे। ज्यादातर लोग धन की देवी से समृद्धि मांगेंगे। लेकिन राजधानी में संचालित महाराष्ट्र मंडल इस मौके पर अनूठे सेवा काम में जुटा हुआ है। ऑर्डर पर तरह-तरह की मिठाइयां और पकवान बना रहा है। खास बात यह कि इससे होने वाले मुनाफे से दिव्यांग बालिका गृह और अच्छी तरह संचालित होगा। लक्ष्मी पूजा पर देवी स्वरूपा बालिकाओं की मदद कर महाराष्ट्र मंडल अन्य समाज को भी इस तरह के नेक काम करने को प्रेरित कर रहा है। अप्रत्यक्ष रूप से ही सही, मिठाइयां खरीदने वाले भी इन बालिकाओं की मदद में सहभागी बन रहे हैं। संस्था ने करीब पांच साल पहले इसकी शुरुआत की थी। धीरे-धीरे लोग जानते गए और ऑर्डर बढ़ता गया। इस साल मंडल ने साढ़े चार लाख रुपये का ऑर्डर पूरा किया है।
अब इससे होने वाला मुनाफा दिव्यांग बालिका गृह के खाते में जमा कर दिया जाएगा। यहां मदद की राशि मायने नहीं रखती, बल्कि मायने रखती है नेक सोच और समाज को दिया जाने वाला संदेशा। दिवाली पर संस्था दिव्यांग बालिकाओं के जीवन में खुशहाली की रोशनी बिखेरने में लगा है। संस्था ही संचालित करती है दिव्यांग बालिका गृह महाराष्ट्र मंडल शहर के समता कॉलोनी स्थित भीमसेन सभाभवन के पास दिव्यांग विकलांग बालिका गृह संचालित करता है। वर्तमान में यहां 18 बालिकाएं हैं, जिनके रहने, खाने-पीने, कपड़े, पढ़ाईलिखाई, कोचिंग, विवाह आदि का खर्च संस्था उठाती है। इतना ही नहीं, संस्था के सदस्य इन बालिकाओं के बीच पहुंचकर दिवाली मनाते हैं। अपनापन लुटाते हैं।
बनाए गए पकवान
संस्था की ओर से इस वर्ष सेव, मराठी चिवड़ा, सलोनी खारा-मीठा, चकली, बेसन लड्डू, गुझिया (करंजी), स्पेशल अनरसा और काजू कतली बनाए गए।
समाज की महिलाओं ने दिया समय, सोशल मीडिया से प्रचार
महाराष्ट्र मंडल की पहचान समाजसेवा से जुड़े कई प्रकार के कामों को लेकर है। इसमें महिलाओं की विशेष भूमिका रहती है। मिठाइयां और पकवान बनाने के काम में समाज की महिलाओं ने वक्त निकालकर पूरी मदद की। खास बात यह कि यहां बनाए गए पकवानों में महाराष्ट्रियन फ्लेवर लाने का जिम्मा उनके ही हिस्से में था। संस्था ने सोशल मीडिया के जरिए यहां बनाए जाने वाले पकवानों और प्रतिकिलो उसकी दर का प्रचार भी किया। उसमें घर पहुंच सेवा का भी उल्लेख किया। इसे अन्य समाज के लोगों ने भी हाथों-हाथ लिया।
आठ दिन से लगातार चल रहा काम
संस्था के अध्यक्ष अजय काले ने बताया कि आठ दिन से लगातार सोलह लोगांे की टीम पकवान बनाने का कार्य कर रही हैं। खास बात है कि सभी पकवान घर की तरह ही तैयार किए गए हैं और इनमें उपयोग की गई सामग्री, तेल, घी, काजू उच्च क्वालिटी के हैं। समय अभाव के कारण लोगों को होटलों में तैयार पकवान पर निर्भर रहना पड़ता है। लेकिन उनकी इच्छा घर की तरह तैयार पकवान खाने की रहती है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर यह सुस्वाद पहल की गई है।