गुना। जिले के बमोरी ब्लॉक के बेरखेड़ी गांव में शनिवार की रात एक महिला ने चार बच्चों को जन्म दिया, लेकिन चारों की मौत हो गई। उसे साढ़े छह माह में प्रसव हुआ था। चार बच्चों के जन्म का जिले में संभवतया पहला मामला है। पति का आरोप है कि जननी एक्सप्रेस नहीं आने से इलाज मिलने में देरी हो गई, जिससे बच्चों की जान चली गई। बेरखेड़ी निवासी हुकुमसिंह खेरूआ के मुताबिक पत्नी रीना को शनिवार शाम करीब 5 बजे प्रसव पीड़ा हुई। उन्होंने जननी एक्सप्रेस को फोन किया। करीब 5.30 बजे रीना ने एक बेटी को जन्म दिया। तब दोबारा फोन किया तो ड्राइवर ने महूगढ़ा रेलवे क्रॉसिंग पर जाम में फंसा होना बताया। जब जननी एक्सप्रेस आई, तब तक नवजात बेटी की मौत हो गई। देर शाम रीना को जिला अस्पताल पहुंचाया।
ड्यूटी पर मौजूद डॉ. आराधना विजयवर्गीय के मुताबिक अस्पताल में रीना ने रात 9.30 बजे दूसरे, 9.50 बजे तीसरे और 9.55 बजे चौथे बच्चे को जन्म दिया, लेकिन उनकी भी मौत हो गई। उसे साढ़े छह माह में प्रसव हुआ था। नवजातों का वजन कम था। रीना की हालत भी बहुत खराब थी।
रविवार को उसकी हालत में सुधार दिखा है। डॉक्टर ने अपने जीवन का यह पहला केस बताया है। उनके अनुसार, गुना जिले में भी संभवतया पहला मामला है, जिसमें किसी महिला को चार बच्चे हुए। पति हुकुम सिंह का आरोप है कि जननी एक्सप्रेस समय पर आ जाती तो शायद उसके बच्चे बच जाते।