नई दिल्ली. देशभर के आम जनमानस को झकझोर के रख देने वाले निर्भया रेप कांड (Nirbhaya rape case) में एक नया मोड़ आ गया है. तिहाड़ जेल (Tihar Jail) और मंडोली जेल में बंद तीनों दोषियों ने राष्ट्रपति (President) के यहां दया याचिका भेजने से इनकार कर दिया है. वहीं बीते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा भी नहीं खटखटाया गया. सूत्रों की मानें तो दया याचिका (Mercy petition) दाखिल करने का वक्त अब खत्म हो गया है. ऐसे में दया याचिका राष्ट्रपति को नहीं भेजे जाने के चलते निचली अदालत को अर्जी भेजकर जेल प्रशासन दोषियों को फांसी देने की तैयारी शुरू कर देगा.
दोषियों ने जेल प्रशासन को सौंपा अपना जवाब
दिसंबर 2016 में देश-दुनिया को हिला देने वाले निर्भया और हत्याकांड के मुजरिमों ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की दरवाजा नहीं खटखटाया. मौत की सजा में कमी या उससे माफी के लिए मुजरिम राष्ट्रपति की देहरी पर जाने की बात से पहले ही इनकार कर चुके हैं. दूसरी ओर जेल में बंद तीन मुजरिमों ने सोमवार को और जेल प्रशासन को उनके नोटिस का जबाब दाखिल कर दिया. दोषियों के वकील डॉ. अजय प्रकाश सिंह ने इसकी पुष्टि की है.
गौरतलब है कि 29 अक्टूबर को जेल प्रशासन ने दोषियों को दया याचिका दाखिल करने संबंधी नोटिस दिया था. इस नोटिस में प्राप्ति के दिन से दया याचिका के लिए 7 दिन का वक्त दिया गया था. दिया गया वक्त अब खत्म हो चुका है.
दोषियों के वकील ने जेल प्रशासन पर लगाया आरोप
चौथे आरोपी मुकेश के वकील को छोड़कर तीनों सज़ायाफ्ता मुजरिमों के वकील सोमवार को अचानक तिहाड़ और मंडोली जेल जा पहुंचे. वकीलों ने संबंधित जेल के अधीक्षक कार्यालय में उनके यहां से जारी नोटिस का जबाब दाखिल किया. मुजरिम अक्षय कुमार सिंह और विनय कुमार शर्मा के वकील डॉ. अजय प्रकाश सिंह ने कहा, ‘कानून सबके लिए समान है. हमारे मुवक्किलों के लिए जब कई दिनों की एक साथ छुट्टियां पड़नी तय थीं, तभी 29 अक्टूबर को जेल प्रशासन और दिल्ली सरकार ने राष्ट्रपति के यहां दया याचिका भेजने के लिए सात दिन का नोटिस दे दिया, जोकि सरासर कानून का मजाक था.’
उन्होंने आगे कहा, ‘मेरे मुवक्किल पवन कुमार गुप्ता की उम्र को लेकर केस हाईकोर्ट में लंबित है. जबकि विनय और अक्षय को लेकर भी याचिकाएं डालने का हमारा हक बाकी है.’