छत्तीसगढ़ में धान से एथेनॉल-जैव ईंधन के उत्पादन हेतु लगने वाले बायो-रिफाईनरी उद्योग प्राथमिक वाले उद्योगों में शामिल

छत्तीसगढ़ में धान से एथेनॉल-जैव ईंधन के उत्पादन हेतु लगने वाले बायो-रिफाईनरी उद्योग प्राथमिक वाले उद्योगों में शामिल 
 
अर्लीबर्ड स्कीम में ऐसी प्रथम 6 नवीन औद्योगिक 
इकाईयों को मिलेगा विशेष प्रोत्साहन अनुदान 
 
सार्वजनिक उपक्रमों इंडियन आयल, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के साथ प्रथम विक्रय करने की स्थिति में विशेष प्रोत्साहन अनुदान के रूप में मिलेगी दो करोड़ रूपए की राशि
 
अतिरिक्त धान का होगा बेहतर उपयोग और स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार
रायपुर, 06 नवम्बर 2019/ राज्य सरकार धान से एथेनॉल-जैव ईंधन के उत्पादन के लिए स्थापित होने वाले संयंत्र को विशेष प्रोत्साहन देगी। राज्य में अर्लीबर्ड स्कीम के तहत ऐसी प्रथम 6 इकाईयों को दो करोड़ रूपए का विशेष प्रोत्साहन अनुदान दिया जाएगा। राज्य की नई उद्योग नीति में इन उद्योगों को प्राथमिकता वाले उद्योगों में शामिल किया गया है।
         उद्योग विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि अर्ली बर्ड स्कीम के तहत स्थापित होने वाली औद्योगिक इकाईयों को राज्य में एम.ओ.यू. करने के बाद 6 माह के भीतर भारत शासन के सार्वजनिक उपक्रम जैसे इंडियन आयल, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम इत्यादि के साथ प्रथम विक्रय किए जाने की स्थिति में विशेष प्रोत्साहन अनुदान दिया जाएगा। राज्य मंे समर्थन मूल्य पर उपार्जित किए जा रहे धान में से सार्वजनिक वितरण प्रणाली की आवश्यकता के बाद लगभग 25 लाख मैट्रिक टन धान अतिशेष रहता है, जिसमें से लगभग 6 लाख मैट्रिक टन धान का उपयोग एथेनॉल के उत्पादन में किया जा सकता है। बायो-एथेनाल उत्पादन संयत्र से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इस अतिशेष धान को नष्ट होने से बचाने के लिए और उसके समुचित सदुपयोग को दृष्टिगत रखते हुए मार्कफेड से अनिवार्य रूप से धान क्रय की शर्त पर एथेनॉल-जैव ईंधन के उत्पाद हेतु बायो रिफाईनरी उद्योग की स्थापना को प्राथमिकता उद्योगों में सम्मिलित किया गया है। इस हेतु राज्य शासन द्वारा विशेष अनुदान प्रदान किया जाएगा। राज्य शासन की इस मंशा के अनुरूप उद्योग विभाग द्वारा इस क्षेत्र मंे निवेश आमंत्रित करने हेतु निवेश की अभिरूचि (ई.ओ.आई.) 30 सितम्बर  को जारी की गई। प्री-बिड बैठक 15 अक्टूबर को आयोजित की गई थी, जिसमें इच्छुक निवेशकों द्वारा विभिन्न प्रश्न एवं सुझाव दिए गए जिनका निराकरण किया गया। प्रदेश में बेहतर संभावनाओं को देखते हुए बायो-एथेनॉल प्रोजेक्ट लगाने का प्रस्ताव प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 30 नवम्बर है।

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