हर किसी की निगाहें अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं। प्रशासन के हाई अलर्ट के बीच फैसले को लेकर अटकलों का बाजार भी गरम होता जा रहा है। अयोध्या में सुरक्षा इंतजाम सख्त होते जा रहे हैं। प्रशासन ने सीमाएं सील करने का काम तेज कर दिया है। केंद्र सरकार ने भी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी भी जारी कर दी है।
शीर्ष कोर्ट कब फैसला सुनाएगी, इस पर भी कयासबाजी हैं। इस सब गहमागहमी के बीच गुरुवार को दिनभर फैसले को लेकर कयास लगते रहे। यही नहीं शुक्रवार को भी फैसला आने की अटकलें लगाई जा रही हैं। मगर मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आने की संभावना 12 नवंबर के बाद ही बन रही है। इसके पीछे तीन प्रमुख कारण हैं।
कारण नंबर: 1
अयोध्या में वर्तमान में 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा के लिए 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालु जुटे हुए हैं। हालांकि परिक्रमा गुरुवार को खत्म हो गई है। मगर इतनी बड़ी संख्या में जुटे लोगों के वापस जाने में समय लगेगा। ऐसे में शुक्रवार को फैसला आना बहुत ही मुश्किल है क्योंकि कानून व्यवस्था चरमरा सकती है।
कारण नंबर: 2
इसके अगले दिन शनिवार को भी फैसला आना इसलिए मुश्किल है क्योंकि 9 और 10 नवंबर को देशभर में ईद ए मिलाद उन नबी का त्योहार है।
कारण नंबर: 3
सुप्रीम कोर्ट में शनिवार और रविवार को छुट्टी होगी। सुप्रीम कोर्ट के कैलेंडर के मुताबिक सोमवार और मंगलवार को भी कोर्ट नहीं खुलेगी। ऐसे में फैसला नहीं सुनाया जा सकेगा। सोमवार को स्थानीय छुट्टी और मंगलवार को गुरुनानक जयंती है।
13, 14 या 15 को निर्णय संभव
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में वह अपना फैसला रिटायरमेंट से पहले ही सुनाना चाहेंगे। इसके लिए उनके पास 13, 14 और 15 नवंबर का ही समय होगा।