बुधादित्य व शुभवेशी योग में आज देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी। एकादशी की तिथि की 7 नवंबर की सुबह 9 बजकर 54 मिनट से शुरू होगी, जो कि 8 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट तक रहेगी। देवउठनी एकादशी के साथ ही आज से मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। दिसम्बर माह तक इस बार 13 विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। जबकि वर्ष 2020 में 51 मांगलिक कार्यों के शुभ मुहूर्त हैं। शुक्रवार को लोग गन्नों के साथ भगवान की पूजा करेंगे।
ज्योतिषाचार्य एचसी जैन के अनुसार कार्तिक शुक्लपक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु शयन से जाग जाते हैं । देवउठनी एकादशी के साथ ही मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। देवउठनी एकादशी को अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन विवाह आदि कार्यों के लिए पंचांग शुद्धि की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन इस सीजन में विवाह के शुभ मुहूर्त कम हैं। इसके बाद विवाह के शुभ मुहूर्त्त 19 नवंबर से प्रारंभ हैं। इस वर्ष नवंबर व दिसंबर माह में केवल 13 विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। जबकि वर्ष 2020 में 51 मुहूर्त रहेंगे। शुक्रवार को लोग अपने घरों में देवों का पूजन करेंगे। इस पूजन के बाद ही मांगलिक कार्य प्रारंभ होंगे।
बाजारों में आए गन्ने
दीपावली के बाद गन्नों की फसल खेतों में तैयार हो जाती है। देवउठनी एकादशी को देखते हुए बाजार में ग्रामीण क्षेत्रों से कई ट्रॉली गन्ने आए हैं। लोगों ने गुरुवार को भी गन्नों को खरीद कर रख लिया है जबकि अधिकांश लोग शुक्रवार को गन्ने खरीदेंगे।
यह है विवाह के शुभ मुहूर्त्त
नवंबर 2019- 19, 20, 22, 23, 28, 30
दिसंबर 2019- 1, 5, 6, 7, 11, 12
जनवरी 2020- 17, 19, 20, 22, 24, 26, 30, 31
फरवरी 2020 3, 5, 9, 10, 16, 19, 20, 21, 26, 27, 28
मार्च 2020- 1, 2, 8, 11, 12,
अप्रैल 2020- 14, 15, 17, 20, 23, 26
मई 2020- 3, 4, 6, 7, 10, 17, 18, 20, 22
जून 2020- 7, 10, 11, 17,
नवंबर 2020- 5, 25, 30
दिसंबर 2020 – 1, 7, 8, 9, 11
मक्खन से होगा प्रभु का श्रृंगार
देवउठनी एकादशी को जनकगंज स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर में वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। भगवान का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। भगवान का श्रृंगार सवा किलो मक्खन से किया जाएगा। इसके साथ ही वह गुलाब की पखुंड़ियों को वस्त्र बनाकर भगवान को पहनाया जाएगा।