CM भूपेश – केंद्रीय राज्य मंत्री से मिलने की क्या जरूरत, जब फाइल उनके पास जाती ही नहीं

अंबिकापुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सूरजपुर जिले के प्रवास के दौरान दिल्ली मार्च को फिलहाल स्थगित करने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थितियों को देखते हुए हमने 13 नवंबर को दिल्ली जाने का निर्णय स्थगित कर दिया है। इसकी तिथि बाद में घोषित की जाएगी। उन्होंने कहा कि अब नई तिथि में प्रधानमंत्री को छत्तीसगढ़ के किसानों का मांग पत्र सौंपा जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने सांसद रेणुका सिंह के बयान का पलटवार करते हुए कहा कि मुझे उनसे मुलाकात करने की क्या जरूरत है। उन्ही के विभाग के केबिनेट मंत्री से जब मैं उस विषय पर चर्चा कर चुका हूं तो फिर उनसे क्यों मिलूं। उनके पास तो फाइल भी नहीं जाती।

सूरजपुर जिले के प्रवास पर पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए प्रदेशवासियों से आपसी प्रेम भाईचारा और सद्भाव बनाए रखने की अपील की। धान खरीदी के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि यूपीए के शासनकाल में केंद्र सरकार द्वारा धान पर बोनस दिया जाता था। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर रोक लगा दी। वर्ष 2017 तथा 2018 के लिए केंद्र सरकार बोनस दिए जाने पर भी सेंट्रल पूल में चावल खरीदने की अनुमति दी गई थी। इसी अनुमति के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने चुनावी वर्ष में किसानों को प्रति क्विंटल 300 रुपये का बोनस दिया था।

पिछले खरीफ सीजन में इसी अनुमति के आधार पर हमने किसानों से बोनस के साथ 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदा। जब केंद्र की मोदी सरकार ने बोनस के साथ धान खरीदी की अनुमति दी और सेंट्रल पूल में छत्तीसगढ़ का चावल भी लिया तो ऐसा क्या हो गया कि कांग्रेस सरकार में वही अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ अनुमति मांग रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार अपने संसाधन से किसानों को बोनस दे रही है तो फिर इसमें केंद्र सरकार को तकलीफ क्यों है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रति क्विंटल 25 सौ रुपए की दर से धान खरीदना ही क्या हमारा अपराध है जिसकी सजा केंद्र सरकार अनुमति न देकर दे रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा धान के निर्धारित समर्थन मूल्य के अतिरिक्त जो राशि लग रही है वह हम अपने खजाने से दे रहे हैं इसके बावजूद केंद्र सरकार को अनुमति देने में दि-त क्या है यह समझ से परे है।

उन्होंने कहा कि सिर्फ चावल ही नहीं गेहूं सहित अन्य अनाज भी देश के अलग-अलग राज्यों से केंद्र सरकार लेती है सिर्फ छत्तीसगढ़ को ही अनुमति नहीं नहीं दी जा रही है जो किसानों के साथ अन्याय हैं। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने सिर्फ 10 माह ही शासन किया है।

इन 10 महीनों में पूरे प्रदेश में बेहतर काम हुए हैं। 3 महीने लोकसभा चुनाव में आचार संहिता के कारण सिर्फ सात महीने के कामकाज में ही हमने किसानों की कर्ज माफी की। 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदा। तेंदूपत्ता की खरीदी भी बढ़े दर पर की गई। सुपोषण के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में बेहतर काम हुआ। उन्होंने कहा कि इन कार्यों के अलावा विपक्ष को और कौन सा विकास देखना है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह के उस बयान पर पलटवार किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि छत्तीसगढ़ से इकलौती मंत्री होने के बावजूद मुख्यमंत्री ने कभी भी उनसे किसी विषय पर चर्चा नहीं की। समन्वय की कमी होगी तो छत्तीसगढ़ प्रदेश में हर क्षेत्र में दि-त संभावित है।

केंद्रीय राज्य मंत्री के इस बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भारत सरकार के खाद्य मंत्री, अनुसूचित जनजाति विभाग के मंत्री, वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री से मुलाकात कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्हीं के विभाग के कैबिनेट मंत्री से मुलाकात हो चुकी है तो रेणुका सिंह से मुलाकात का क्या औचित्य है, उनके पास तो कोई फाइल भी नहीं जाती।

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