रायपुर। छत्तीसगढ़ भगवान राम की ननिहाल के रूप में पहचान रखता है। अयोध्या मामले में कोर्ट का फैसला आने के बाद छत्तीसगढ़ में खुशी का माहौल देखने को मिला। सभी वर्गों ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए सौहार्द का रस घोला। राजनीतिक दल के नेता हो, या फिर सामाजिक कार्यकर्ता, सभी कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नजर आए। सरकार भी कोर्ट के फैसले को लेकर निश्चिंत नजर आ रही थी। जब अन्य राज्यों में स्कूलों और कालेज को सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर बंद किया गया, तो छत्तीसगढ़ में सरकार ने बच्चों को इतिहास का गवाह बनते देखने के लिए स्कूलों में छूट्टी की घोषणा की।
हर वर्ग की नजर सुबह साढ़े दस बजे से टीवी की स्क्रीन पर टिक गई थी। सड़कों पर सन्न्ाटा था और लोगों में कोर्ट के फैसले को लेकर उत्सुकता थी। पुलिस ने भी प्रदेशभर में पूरी तैयारी की थी। कलेक्टर से लेकर एसपी ने सोशल मीडिया को लेकर अलर्ट जारी किया। सभी ने एकजुटता दिखाते हुए सोशल मीडिया के ग्रुप को एडमिन पोस्ट मोड में कर दिया। प्रदेश में पहली बार ऐसा देखने को मिला कि किसी भी मुद्दे पर हर वर्ग एकराय होकर सहमति जता रहा था। भारतीय जनता पार्टी ने अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भगवान रामलला को विराजमान कर मंदिर बनाने के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय के सर्वसम्मत फैसले का स्वागत किया है।
पार्टी ने इसे सर्व धर्म समभाव की भावना से अनुप्राणित राष्ट्र-जीवन की विजय बताया है। कांग्रेस ने भी अपने दिल्ली कूच के कार्यक्रम को रद्द करने की घोषणा की। कांग्रेस, भाजपा और जकांछ ने अपने कार्यकर्ताओं से एक दिन पहले ही अपील की थी कि कोर्ट का जो भी फैसला हो, उसे स्वीकार करना है। आला नेताओं की निर्देश पर पार्टी के कार्यकर्ता भी सधे अंदाज में बयान देते नजर आए।
रायपुर के चंदखुरी में है माता कौशल्या का मंदिर
राजधानी रायपुर से करीब 30 किलोमीटर दूर चंदखुरी में माता कौशल्या का मंदिर है। आम मान्यता है कि कौशल्या माता का यह मायका है। राम के ननिहाल होने के कारण राजधानी में भव्य राम मंदिर का निर्माण किया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कहा था कि भगवान राम के ननिहाल में मंदिर का निर्माण हो गया है, तो अब अयोध्या में भी मंदिर बनने से कोई रोक नहीं सकता है।