PM रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, अभनपुर में भूख-प्यास से हुई थी गायों की मौत

रायपुर। अभनपुर विकासखंड के ग्राम भरेंगाभाठा में गायों की मौत भूख-प्यास की वजह से हुई। पीएम रिपोर्ट में यह बात सामने आई। एनआइटी की लगभग 200 एकड़ जमीन में तीन गायों की मौत और 300 से ज्यादा गायों को बंधक बनाने के मामले ने प्रशासन के कान खड़ कर दिए। घटना के बाद कलेक्टर के आदेशानुसार एसडीएम ने जांच करते हुए दो लोगों को दोषी पाया, जिनके खिलाफ थाने में एफआइआर दर्ज की कराई गई। अभनपुर टीआइ का कहना है कि अयोध्या मामले की वजह से अभी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। एक-दो दिन में गिरफ्तार कर लिया जाएगा। एनआइटी कुलसचिव ने बताया कि निर्माणाधीन परिसर में गायों को घास चरने या इससे जुड़ी हुई कोई भी जानकारी नहीं दी गई।

इस मामले के संदर्भ में एनआइटी सिक्योरिटी के अधिकारी सोमवार को वहां जाकर जांच करेंगे। बता दें कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि गायों को एनआइटी परिसर में प्रवेश की अनुमति सिक्योरिटी प्रमुख द्वारा दी गई थी, लेकिन इस संबंध में एनआइटी प्रबंधन को कोई सूचना नहीं दी गई। प्रबंधन का कहना है कि मामला गंभीर है। जहां भी चूक हुई होगी, उस पर कार्रवाई की जाएगी।

पहले ली अनुमति, फिर बंद कर दिया खुद ही ताला

एसडीएम साहू ने बताया कि पूछताछ में 200 एकड़ से ज्यादा के एनआइटी का निर्माणाधीन परिसर भरेंगाभाठा गांव में है। इसके चारों ओर बाउंड्री है। एसडीएम ने जब गार्ड से मामले के संबंध में और आसपास के ग्रामीणों से इस बारे में जानकारी मांगी तो पता चला कि गांव में खेतों की फसल को मवेशी नुकसान पहुंचा रहे थे।

इसके आधार पर तय किया गया कि एनआइटी का निर्माणाधीन परिसर काफी बड़ा है और मवेशी आसानी से अंदर चारा चर सकते हैं। इस आधार पर एनआइटी के सिक्योरिटी ने अनुमति दे दी और जुलाई में गेट को मवेशियों के आने-जाने के लिए खोल दिया गया, लेकिन कुछ दिन बाद सरपंच के करीबी संतराम ने गार्ड को बिना बताए ही गेट में ताला जड़ दिया और उसी चाबी खुद ही रख ली।

गार्ड ने पूछताछ में बताया कि पहले रोजाना गेट खोल दिया जाता था, लेकिन जब से दूसरा ताला लगा, तब से गेट नहीं खोला गया। इसके बाद जब मामला उजागर हुआ तो गेट खुला और अंदर तीन गाय मृत मिलीं और तीन गाय की हालात काफी गंभीर थी, जिनका इलाज कर जान बचाई गई।

पानी की कमी और खाना न मिलने से मौत

पीएम रिपोर्ट में सामने आया है कि गायों की मौत उनके शरीर में पानी और खाने की कमी की वजह से हुई है। वहीं जिन गायों का इलाज चल रहा है, वे भी काफी कमजोर हो गई हैं।

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