नई दिल्ली। रेलवे द्वारा IRCTC के हाथों में सौंपी गई देश की पहली निजी ट्रेन तेजस एक्सप्रेस जितनी तेजी से पटरी पर दौड़ती है उतनी ही तेजी से कमाई भी कर रही है। इस ट्रेन ने अपने संचालन के बाद से अक्टूबर तक 70 लाख रुपए का मुनाफा कमाया है। इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) के मालिकाना हक वाली इस ट्रेन को 5 अक्टूबर को शुरू किया गया था और उसके बाद 21 दिनों के सफर में ही ट्रेन ने इतना मुनाफा कमा लिया। ट्रेन की कमाई के यह आंकड़े पांच से 28 अक्टूबर तक के हैं। ट्रेन ने इसी अवधि में टिकट बिक्री के जरिये करीब 3.70 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाया है।
देश में किसी ट्रेन द्वारा मुनाफा कमाना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि रेलवे लगातार घाटा दर्ज करता रहा है। लखनऊ और दिल्ली के बीच चलने वाली यह ट्रेन भारतीय रेलवे की उस योजना का हिस्सा है, जिसके तहत 50 विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन विकसित किए जाने हैं। इन पर निजी संचालकों द्वारा 150 निजी ट्रेन चलाए जाने की योजना है।
आईआरसीटीसी ने बताया कि इस अवधि में तेजस के परिचालन में करीब तीन करोड़ रुपए का खर्च आया है। यह ट्रेन सप्ताह में छह दिन चलती है। इस तरह से तेजस के संचालन में आइआरसीटीसी रोजाना करीब 14 लाख रुपए खर्च करती है, जबकि उसे यात्री किराए से 17.50 लाख रुपए की राजस्व मिलता है।
गौरतलब है कि तेजस एक्सप्रेस देश में अपनी तरह की पहली निजी ट्रेन है। हालांकि इसकी संचालक आइआरसीटीसी भारतीय रेलवे की सहायक कंपनी है। तेजस के यात्रियों को कुछ विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं। इनमें विशेष खाना, 25 लाख रुपए तक का मुफ्त बीमा और लेट होने पर क्षतिपूर्ति शामिल है।