सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में कोंटा पुलिस के पुलिस के समक्ष एक 10 लाख के इनामी नक्सली कमांडर ने अपने नौ अन्य साथियों के साथ आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वाला नक्सली कमांडर 12 जुलाई साल 2009 में राजनांदगांव जिले के मदनवाड़ा में एंबुश लगाकर पुलिस पार्टी पर हमला करने की घटना में शामिल था। इस बड़े हमले में जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार चौबे सहित 29 पुलिस जवान शहीद हो गए थे। कोंटा थाना प्रभारी शरद सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रेंज के आईजी विवेकानंद सिन्हा, जिले के पुलिस अधीक्षक सलभ सिन्हा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में क्षेत्र में चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान से प्रभावित होकर कुछ माओवादियों ने पिछले दिनों आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की इच्छा जाहिर की थी। उनसे बातचीत करने पर वे आत्मसमर्पण के लिए तैयार हो गए। उन्होंने कोंटा थाना पहुंच कर अपने हथियार सहित आत्मसमर्पण किया।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में गड्डो कृष्णा उर्फ बदरू भेजी क्षेत्र का रहने वाला है और नक्सलियों की उत्तर गढ़चिरौली डिविजन की कंपनी नंबर 4 में कमांडर के रूप में काम कर रहा था। उस पर सरकार की ओर से 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
साल 2001 में वह नक्सल संगठन में शामिल हुआ था और छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र की सीमा पर गोलीबारी की कई घटनाओं में शामिल रहा था। साल 2009 में मदनवाड़ा में पुलिस जवानों को एंबूश में फंसाकर किए गए हमले का यह प्रमुख मास्टरमाइंड भी था। इसके अलावा आईइडी विष्फोट और वाहनों में आगजनी की कई घटनाओं में भी वह शामिल रहा है।
नक्सली कमांडर के साथ ही उसके साथी कुंजाम हिड़मा उर्फ विज्जा, महिला नक्सली कुंजामी बुधरा, मड़कम सन्नी, मड़कम बोटी उर्फ बुधरा, पोडियम हुंगा, पोडियम लच्छु, कवासी हिड़मा और मड़कम मुके नामके नक्सलियों ने भी आत्मसमर्पण किया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को शासन की पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा।