सुकमा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के जगरगुंडा इलाके में नक्सलियों ने एक निर्दोष ग्रामीण को मौत के घाट उतार दिया। नक्सली एक हफ्ते पहले इस ग्रामीण को अपने साथ अगुआ कर के ले गए थे। नक्सलियों ने ग्रामीण पर गोपनीय सैनिक होने का आरोप लगाया था। इसके बाद सोमवार की सुबह ग्रामीण की खून से सनी लाश उसके गांव के नजदीकी गांव की सड़क पर पड़ी मिली। लाश के आस-पास पर्चे बिखरे पड़े हैं, जिनमें ग्रामीण की पुलिस का सहयोगी होने की बात पर हत्या करने की बात लिखी गई है इसके साथ ही ग्रामीणों के लिए धमकियां लिखी गई हैं। इस घटना के बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। पुलिस ने क्षेत्र में सर्चिंग बढ़ा दी है।
मारा गया व्यक्ति ग्राम पटेल था। उसे नक्सलियों ने एक हफ्ते पहले अगुआ किया था। सोमवार की सुबह उसका शव सड़क पर पड़ा मिला। हत्या के बाद नक्सलियों ने घटना स्थल पर भमकी भरे पर्चे फेंके और वहां से फरार हो गए। जिले के पुलिस अधीक्षक सलभ कुमार सिन्हा ने घटना की पुष्टी की है। घटना स्थल पर जांच के लिए पुलिस टीम और फोर्स को रवाना किया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक नक्सली एक हफ्ते पहले जगरगुंडा इलाके के कामापारा पहुंचे और ग्राम पटेल सुदाम हुंगा के घर में घुस कर उसे अपने साथ चलने को कहा। पटेल के नाम से जाने-जाने वाला यह व्यक्ति गांव के धर्म स्थल पर पुजारी का काम करता था। नक्सली उसे अपने साथ ले गए थे। सोमवार की सुबह उसका शव गांव से कुछ दूर सड़क पर पड़ा मिला। नक्सलियों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी।
सोमवार की रात नक्सली गांव मेटागुड़ा गांव के पास बीच सड़क में ग्राम पटेल की लाश के साथ धमकी भरे पर्चे फेंक कर चले गए। नक्सलियों को शक था कि गांव का पुजारी गोपनीय सैनिक के तौर पर पुलिस के लिए काम करता है। क्षेत्र में इस तरह निर्दोष ग्रामीणों की हत्या कर नक्सली लगातार उन पर खौफ कायम करने का प्रयास करते रहते हैं। ग्रामीण नक्सलियों को पुलिस समर्थक कहकर अगुआ करते हैं और फिर उनकी हत्या कर देते हैं।