राजनांदगांव
आदिवासी लोककला अकादमी रायपुर,छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग, छत्तीसगढ़ शासन ओर से यहां त्रिवेणी परिसर में तीन दिवसीय नाचा समारोह का गुरुवार की शाम पद्मश्री डोमार सिंह कुंवर के बहुचर्चित नाटक डाकू सुल्ताना के मंचन के साथ संपन्न हुआ। तीसरे और अंतिम दिन दर्शकों की बड़ी तादाद में मौजूदगी के बीच तीन नाटकों का मंचन हुआ।
शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के पीछे बने मंच पर नाचा के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से महिला उत्पीड?, सच्चाई और ह्रदय परिवर्तन जैसे विषयों पर गंभीर संदेश के साथ हास्य-व्यंग्य की प्रस्तुति दी। छत्तीसगढी नाचा पाटी पचपेड़ी जिला धमतरी के संचालक ध्रुव कुमार साहू के समूह ने यहां झन भुलो मां बाप ला का मंचन किया। अपने इस नाटक में कलाकारों ने मां-बेटी की कहानी के माध्यम से महिला उत्पीड? और पारिवारिक रिश्तों पर गंभीर संदेश दिया।
इस नाटक के हास्य-व्यंग्य से भरे संवादों ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया। इस समूह के मैनेजर हिम्मत लाल साहू, संगीत कलाकार में हारमोनियम भुवन साहू, तबलावादक खुमेश विश्वकर्मा, नाल वादक अश्विनी सिन्हा, शहनाई वादक अशोक यादव, बैंजो वादक ध्रुव कुमार साहू, झुमका वादक नरेश कुमार साहू तबला, खुमेश विश्वकर्मा, मंच में जोकर हिम्मत साहू, रूपेश साहू और जनानी पूनम यादव ने अपनी भूमिका का निर्वहन किया।
संत समाज नाच पार्टी पुरदा करेली पोस्ट नयागांव थाना बोरी तहसील धमधा जिला दुर्ग की टीम ने विजयदान देथा के कालजयी नाटक पर आधारित नामी चोर चरणदास की प्रस्तुति गोवर्धन यादव के मार्गदर्शन में दी। इसे नाचा समूह ने अपने अंदाज में पेश किया। जिसमें हमेशा सच बोलने वाले चरणदास चोर के इर्द-गिर्द बुना गया कथानक दर्शकों को सच्चाई-ईमानदारी का संदेश देते हुए हंसने पर मजबूर कर गया।
इस नाटक में चरणदास भरत लाल साहू, हवलदार पुजारी शिवकुमार उमरे (साधु), हास्य कलाकार चंद्रशेखर सेन (मालगुजार-दरबारी), गजानंद ठाकुर मुनीमजी (नौकर), बाजारू राम निषाद(रानी दाई), शिवचरण कौशिक (दासी-डांसर), तुकाराम साहू वादक, कीरत लाल दिल्लीवार हारमोनियम, गायन भगोली राम यादव, बैंजो मास्टर डोमार सिंह निषाद, तबला वादक राजू विश्वकर्मा, ढोलक वादक दुलार सिंह पटेल और मंत्री जी व गोला मास्टर के तौर पर बलदेव राम निषाद ने अपनी भूमिकाओं का निर्वहन किया।