नई दिल्ली: महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है, 24 अक्टूबर को चुनावी परिणाम आने के बाद से ही महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर रस्साकशी चल रही है। सोमवार को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्ष में बैठने की बात को छोड़ शिवसेना को समर्थन देने के बारे में विचार करना शुरू कर दिया है।
दरअसल, इस मीटिंग के दौरान कांग्रेस के नेताओं ने एक सुर में सोनिया गांधी से कहा था कि अगर इस बार कांग्रेस की सरकार महाराष्ट्र में नहीं बनी तो राज्य में कांग्रेस का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। इस दौरान अशोक चव्हाण, बालासाहब थोराट, माणिकराव ठाकरे और रजनी पाटिल ने जोर दिया कि भाजपा के हाथ से निकलते इस अवसर को हर स्थिति में पकड़ना चाहिए और महाराष्ट्र में सरकार का निर्माण करना चाहिए।, इस दौरान सोनिया को बताए गए कारणों में सबसे महत्वपूर्ण था कि कांग्रेस के जीते हुए विधायक बेहद बेचैन हो रहे हैं। उन सभी का कहना है कि वे अपने बल पर जीत कर यहां तक आए हैं, किसी ने उन्हें कोई सहायता नहीं की है। आपको बता दें कि कांग्रेस के सभी विधायक अभी जयपुर में हैं। कांग्रेस को डर है कि उनके विधायकों के साथ हॉर्स ट्रेडिंग की जा सकती है।