रायपुर।
कई चीजों का स्वाद ऐसा होता है कि न जुबां से उतरता है न दिल से। इन्हीं में से एक है अंकुरित चने का स्वाद। अब आपको याद आई होगी उस अंकल की जो स्कूल के बाहर ठेला लगाकर अंकुरित चना नींबू के साथ दिया करते थे। भले ही उस वक्त हम स्वाद के लिए चना खाते थे, लेकिन यह सेहत और बुद्धि के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ऐसा ही चना अभी आपको एनआइटी के गेट के ठीक सामने खाने को मिल जाएगा। यहां बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स आते हैं और अंकुरित आहार खाकर खुद को तरोताजा करते हैं।
यहां पर अंकुरित काबुली चना, मूंग, मसूर आदि मिलते हैं, जो लोगों को खूब भा रहे हैं। यहां से गुजरने वाले ज्यादार लोग अंकुरित चना नाश्ता के तौर पर खाते हैं। इसका जायका कॉलेज स्टूडेंट्स को खूब भा रहा है। अंकुरित चने का ठेला लगाने वाले प्रेमलाल साहू बताते हैं कि यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। वे कहते हैं कि मूंग की दाल सबसे ज्यादा पौष्टिक मानी जाती है। इसमें कैलोरी बहुत कम और विटामिन ए,बी,सी और ई की भरपूर मात्रा में होती है। इसे अंकुरित करने के लिए 24 घंटे पहले पानी में डुबा कर रखते हैं। अंकुरण आने के बाद इसमें नींबू, नमक, मिर्च, प्याज, टमाटर और धनिया मिक्स किया जाता है। ये सभी चीजें सेहत के लिए फायदेमंद हैं।
0- कई कॉलेज के स्टूडेंट्स आते हैं जायके का लुत्फ उठाने
एनआइटी के ठीक सामने सेहतमंद अंकुरित आहार के नाम से एक छोटा सा ठेला लगता है। यहां नालंदा परिसर में पढ़ाई कर रहे छात्रों के साथ एनआइटी, साइंस कॉलेज के स्टूडेंट्स जायके का लुत्फ उठाने आते हैं। आस-पास के क्षेत्र में यह एक मात्र ठेला है, जहां अंकुरित आहार मिलता है।