परपोड़ी।
जिले के दूरस्थ इलाके में स्थित नगर पंचायत परपोड़ी क्षेत्र में इन दिनों धान की अवैध खरीद-बिक्री और परिवहन का खेल जारी है।
जानकारी के मुताबिक हर साल की तरह धान कि फसल की कटाई के बाद जोर पकड़ने वाली कालाबाजारी के खेल से परपोड़ी नगर क्षेत्र भी अब अछूता नहीं रह गया है। वर्तमान सरकार द्वारा पूर्व वर्ष की तरह 2500 रुपये में धान खरीदने की खबर के बीच अब अवैध कारोबारियों की सक्रियता क्षेत्र में काफी बढ़ गई है। पूरे परिक्षेत्र के ग्रामीण इलाकों के धान को लेकर किसान बड़े कारोबारियों के प्रतिष्ठानों की ओर रूख कर रहे है। वहीं धान को बिना कागजात और दस्तावेज के औने-पौने दामों में खरीदकर व्यापारी उसे अपने खुफिया गोदामों में जमा कर रहे है। इसके बाद सरकार किसानों को मिलने वाली योजना का लाभ उठाकर व्यापारियों द्वारा बेचा जाएगा।
ज्ञात हो कि वर्तमान सरकार धान खरीदने में काफी देर कर चुकी है। पिछले वर्ष जहां एक नवंबर से धान खरीदी शुरू हो गई थी। वह इस बार एक महीने के बाद एक दिसंबर से शुरू होने वाली है। जिसे देखते हुए अभी से मुनाफ़ेखोरी के गणित में माहिर व्यापारी जमकर सक्रिय होकर किसानों को झांसे में लेने की जुगत में है, और बड़े पैमाने पर अवैध खरीदी और परिवहन होने की खबर मिली है।
कई गांव में घूम रहे कोचिया
खाद्य विभाग और प्रशासनिक अमला को जिले के दूरस्थ इलाके में चल रहे हलचल की जरा भी जानकारी नहीं है। वहीं उनके द्वारा परपोड़ी क्षेत्र में कार्रवाई नहीं होने से व्यापार करने वाले करोबारियों के हौसले काफी बुलंद है।परपोड़ी नगर क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम जानो, गातापार, रानो, उड़िया, भटगांव, गाडाडीह, सोनपाण्डर, तिरियाभाठ, देऊरगाव, मसुलगोंदी, तुमड़ीपार, कोंगिया, बोरतरा, मुंगलटोला, नवागांव, कोंगियाकला, ढाप, खैरी, शक्तिघाट, पथर्री, पतरझोली, हाथीडोब, सुवरतला, बीजागोड़, पेंड्रावन, रुसे, सहसपुर आदि कृषि आधारित धान बाहुल्य गांवो में इन दिनों अवैध परिवहन एवं खरीद-बिक्री का बड़ा खेल हो रहा है। जिस पर प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध है।