उपभोक्ता खर्च पर आंकड़े दबाने के आरोपों की आई खबरों पर तिहाड़ में बंद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को केंद्र सरकार पर व्यंग्य कसते हुए कहा कि यह सूचना का अधिकार है जिसका सरकार पालन करती है।
चिदंबरम का यह बयान उस खबर के बाद आया है जिसमें राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के ताजा उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण के हवाले से दावा किया गया कि 2017-18 में चार दशक से अधिक समय में पहली बार उपभोक्ता खर्च में गिरावट आई है और इसकी मुख्य वजह ग्रामीण क्षेत्र में कम होती मांग है।
खबर में यह दावा भी किया गया कि एनएसओ की रिपोर्ट इस साल 19 जून को जारी करने के लिए स्वीकृति दी गई थी लेकिन सरकारी एजेंसी ने प्रतिकूल आंकड़ों के कारण इसे रोक लिया। भ्रष्टाचार और धनशोधन के मामलों में जेल में बंद चिदंबरम ने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘पिछले साल रोजगार पर आंकड़े छिपाए गए। अब उपभोक्ता खर्च पर आंकड़ों को दबाया जा रहा है। यह सूचना का अधिकार है जिसे सरकार निभाती है।’’
तासीर और पटेल को सामना करने को कहा
गृह मंत्रालय ने पिछले सप्ताह ब्रिटिश लेखक तासीर का ओसीआई कार्ड निरस्त करते हुए कहा था कि उन्होंने अपने पिता के पाकिस्तानी होने के तथ्य को छिपाया। आलोचकों ने इस पर विरोध जताते हुए कहा कि टाइम पत्रिका में ‘डिवाइडर इन चीफ’ शीर्षक से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वाले लेख के लिए तासीर को निशाना बनाया जा रहा है।
सीबीआई ने शुक्रवार को एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया और उसके तीन सहयोगी संगठनों के खिलाफ 36 करोड़ रुपये के विदेशी चंदे से संबंधित मामले में कानून के कथित उल्लंघन के लिए मामला दर्ज किया था।