प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी तो एक दिसंबर से शुरू होगी, लेकिन अगेती धानों की कटाई शुरू हो गई है। वहीं धान में नमी अधिक न हो, इसके लिए किसान मंडी में एक हजार रुपये घाटा सहकर व्यापारियों को धान बेच रहे हैं, जबकि पिछले वर्ष 15 नवंबर से ही धान खरीदी शुरू हुई थी, जो इस वर्ष एक दिसंबर से शुरू होने जा रहा है। ऐसे में किसान कटाई कर चुके धानों को मंडी में बेच रहे हैं। वहीं किसानों से खरीदे हुए धान को व्यापारी और कोचिए मंडी में खपा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो मंडी के झंझट से बचने किसान औने-पौने दाम में गांव में ही इन व्यापारियों को बेच रहे हैं। इससे किसानों को लागत भी निकालना मुश्किल हो गया है।
कर्ज चुकाने के लिए बेच रहे धान
सेजबहार के किसान दिनकर साहू का कहना है कि त्योहार मनाने के लिए साहूकार से लिए कर्ज को चुकाने देना भी जरूरी है, इसलिए उपज को औने-पौने दाम पर कोचियों को बेचने विवश हो गए हैं। धमतरी और महासमुंद क्षेत्र में अर्ली वेराइटी के धान की कटाई शुरू हो गई है। ऐसे में कटाई करने में किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले माह हुई बारिश की वजह से खेतों में हार्वेस्टर मशीन नहीं जा पा रहा है।
खेतों के सूखने का इंतजार
ग्राम देमार के किसान दिनेश साहू, संतोष सिन्हा सहित अन्य किसानों का कहना है कि अर्ली वेरायटी फसल को अब पानी की जरूरत नहीं है। सरना जैसी लेट वेरायटी की फसल को पकने के लिए पानी नहीं चाहिए। इस वर्ष धान फसल में व्यापक रूप में कीट समस्या न होने के कारण किसानों के चेहरे खिले हैं। इन दिनों महिला मजदूरों की धान कटाई की मजदूरी दर 130 रुपये से लेकर 150 रुपये के बीच चल रही है।