नई दिल्ली
दिल्ली के रामलीला मैदान में संयुक्त बहुसंख्यक विचार मंच ने न्याय अधिकार महाकुम्भ का आयोजन किया। जिसमें पिछड़े, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज के कई सामाजिक संगठनों के सहयोग से परजातिगत भेदभाव और ऊंच-नीच की भावना को जड़ से खत्म करने का आह्वान किया गया। साथ ही समानता और परस्पर भाईचारे पर आधारित सामाजिक व्यवस्था बनाने की मांग की गई। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया।
11 मार्च को संपन्न हुए इस दो-दिवसीय न्याय अधिकार महाकुम्भ में वक्ताओं ने सरकार के सामने जातिगत जनगणना कराने, जल जंगल जमीन का अधिकार दिलाने, निगमों का निजीकरण बंद कराने, न्यायपालिका में समुचित प्रतिनिधित्व दिलाने, सफाई कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं के प्राथमिकता से समाधान कराने, घुमंतू और विमुक्त जनजातियों की समस्याओं का समाधान कराने, ठेके की नौकरियां बंद कर परमानेंट सरकारी भर्ती करने, बैलेट पेपर से चुनाव करवाने समेत अन्य कई सामाजिक महत्व की मांगें रखीं और सरकार समेत व्यवस्था के सभी अंगों से सामाजिक न्याय दिलाने और समतामूलक समाज बनाने के प्रयास में हर सम्भव सहयोग देने का आग्रह किया।
अपने सम्बोधन में आयोजन समिति के संयोजक अनिल कुमार ने बताया कि देश के कोने-कोने से हज़ारों की संख्या में बहुजन समाज के लोग, विशेषकर युवा साथी, अपनी पहचान और अपने भविष्य से जुड़े इन ज्वलंत मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए आयोजित इस महाकुम्भ में शामिल होने के लिए पहुँच रहे हैं। आने वालों की सुविधा के लिए आयोजकों द्वारा सभा स्थल पर ही खाने-पीने की व्यवस्था गई है और दिल्ली के बाहर से आने वाले लोगों के लिए रानी झांसी मार्ग, नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर भवन में रहने की व्यवस्था भी की गई है।
इस महाकुम्भ में लोकसभा सांसद नबा कुमार, राज्य सभा सांसद एवं भारत के पूर्व एडिशनल सोलिसिटर जनरल- पी. विल्सन, पूर्व राज्य सभा सांसद- प्रोफ़ेसर डॉ. राम बख्श सिंह वर्मा, पूर्व लोक सभा सांसद- राज कुमार सैनी, पूर्व राज्य सभा सांसद- विशम्भर प्रसाद निषाद, जस्टिस वीरेंद्र सिंह यादव (से.नि.), आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस- वी. ईश्वरैया, ओबीसी फ़्रंट ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष- डॉ० महेश मानव, पैग़ाम के संस्थापक- सरदार तेजिंदर सिंह झल्ली, ओबीसी फ़्रंट ऑफ़ इंडिया दिल्ली के अध्यक्ष- पुष्पेंद्र सिंह यादव समेत बहुजन समाज के कई दिग्गज नेताओं, न्यायविदों, और अन्य सम्मानित शख़्सियतों ने रामलीला मैदान पहुँचकर इस सम्मेलन को सम्बोधित किया।