रायपुर। अंतरराष्ट्रीय मार्केट के प्रभाव से सोने की चमक काफी बढ़ गई है। कीमत 39 हजार से 39 हजार 600 रुपये प्रति दस ग्राम के बीच झूल रहा है, लेकिन सोने की बढ़ती कीमत का कोई असर इसकी बिक्री पर नहीं पड़ा है। त्योहारी सीजन के कारोबार के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो सोने के कारोबार में 25 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। दूसरी ओर डायमंड की बिक्री पिछले साल की तुलना में पांच फीसद कम रही। ज्वेलर्स कारोबारियों का कहना है कि गोल्ड को हमेशा निवेश के लिए सर्वोत्तम माना जाता है इसलिए उसकी बिक्री पर फर्क नहीं पड़ा। सोना मध्यम वर्ग से लेकर उच्च वर्ग तक की पहली पसंद है। डायमंड केवल शौक के ही रूप में लिया जाता है। इसकी बिक्री केवल एक वर्ग विशेष तक ही सिमट कर रह गई है।
डायमंड पर लोगों की रुचि कम है इसलिए कई सालों पहले राजधानी में खुले केवल डायमंड के एक्सक्लूसिव संस्थान बंद होने लगे हैं या बंद होने के कगार पर हैं। गोल्ड ज्वेलरी संस्थान ज्यादा खोले जा रहे हैं, जहां डायमंड का ऑप्शन भी रहता है।
डायमंड की बिक्री कम होने के ये भी माने जा रहे कारण
1. पिछले साल पीएनबी घोटाले में ब्रांडेड कंपनी के मालिक का शामिल होना और उसके बाद बाजार में नकली डायमंड आने की खबरों की चर्चा।
2.सोने को हमेशा निवेश के लिए लाभदायक माना जाता है, जबकि डायमंड में ऐसा नहीं है।
3. डायमंड हमेशा उच्च वर्ग की पसंद रहा है, क्वालिटी के अनुसार ही बिकता है।
स्थिर रहे सोने-चांदी के दाम
बुधवार को सोने-चांदी के दाम स्थिर रहे। सोना 39,500 रुपये प्रति दस ग्राम (स्टैंडर्ड) और चांदी 45,800 रुपये प्रति किलो रही। सराफा विशेषज्ञों का कहना है कि सोने-चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। सराफा संस्थानों में इन दिनों शादी सीजन के हिसाब से गहनों की नई रेंज आने लगी है।