रायपुर : संकट में महिलाएं टोल फ्री नंबर 181 और सोशल मीडिया से भी ले सकती हैं मदद

  रायपुर, 21 नवम्बर 2019

 घर के भीतर या बाहर किसी भी प्रकार की घटना, प्रताड़ना या संकट होने पर महिलाएं महिला हेल्पलाइन नंबर 181 की मदद ले सकती है। महिलाओं की त्वरित सहायता और आपातकालीन सेवाओं के लिए यह नंबर चौबीसों घंटे काम करता है। यह निःशुल्क सेवा है। किसी महिला की तरफ से कोई दूसरा व्यक्ति भी मदद के लिए 181 नंबर पर कॉल कर सकता है। घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाएं भी मदद के लिए फोन कर सकती हैं। यहां मामले की गंभीरता को देखते हुए कानूनी सलाह,स्वास्थ्य और आवास संबंधी सहायता पहुंचाई जाती है। वाट्सअप, फेसबुक, ट्विटर ,ईमेल और वेबसाइट के माध्यम से भी महिला हेल्पलाइन-181 से मदद ली जा सकती है।

महिलाओं को संकटकालीन परिस्थितियों में तुरंत सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 25 जून 2016 से राज्य स्तर पर महिला हेल्पलाइन नम्बर 181 का संचालन किया जा रहा है। राजधानी रायपुर में स्थित राज्य स्तरीय हेल्पलाइन संेटर पूरे छत्तीसगढ़ से फोन कॉल के माध्यम से महिलाओं की सहायता के लिए समन्वय करता है। यह हेल्पलाइन किसी सहेली की तरह महिला की मदद करती है। यहां न सिर्फ महिलाओं की हिंसा या दुर्घटना में मदद की जाती है बल्कि सामाजिक कल्याण से जुड़ी योजनाओं जैसे विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन, आवास योजना में आने वाली दिक्कतों में भी सहायता की जाती है। विधिक सेवा और सखी सेंटरों की मदद से महिलाओं की के न्यायतंत्र तक पहुंच और कानूनी सहायता प्राप्त करने में भी सहायता की जाती है। राज्य में महिला हेल्पलाइन से अब तक 7 हजार 555 प्रकरण दर्ज किये गए हैं, इनमें से 4 हजार 407 प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है शेष प्रकरण प्रक्रियाधीन हैं। हेल्प लाइन सेंटर में प्रकरण दर्ज होने पर निराकरण तक फॉलोअप भी किया जाता है।

महिला हेल्पलाइन नंबर 181 पर मोबाइल या लैंडलाईन से डॉयल किया जा सकता है। इसके अलावा वेबसाइट www.181chhattisgarh.in ईमेल एड्रेस help@181chhattisgarh.in फेसबुक पेज www.facebook.com/181WHLChhattisgarh, ट्विटर twitter.com/181NewHope और वाट्सअप 9406005181 के माध्यम से राज्य के किसी कोने से कोई भी महिला या बालिका मैसेज कर सहायता मांग सकती है। महिला हेल्पलाईन द्वारा तत्काल सहायता पहुचाने के लिए राज्य में संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर, पुलिस, हॉस्पिटल, सुधार गृह सहित अन्य आपातकालीन सेवाओं के साथ समन्वय कर प्रकरण का निराकरण किया जाता है।

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