- लोकसभा में सांसदों ने की नोटा विकल्प पर प्रतिबंध लगाने की मांग
- कहा- बुद्धिजीवियों की उदासीनता की वजह से जीत रहे गुंडे-मवाली
- अनिवार्य मतदान के लिए भाजपा सांसदों ने पेश किए दिलचस्प तर्क
लोकसभा में मतदान को अनिवार्य बनाने के लिए लाए गए निजी बिल पर शुक्रवार को भाजपा सांसदों ने कई दिलचस्प तर्क पेश किए। एक सांसद ने यह कह कर नोटा पर प्रतिबंध लगाने की मांग की कि यह व्यंग्य करने का माध्यम बनता जा रहा है।
अभिनेता से सांसद बने रवि किशन ने कहा कि चुनाव में मिली बड़ी जीत के कारण वह फिल्म छोड़ कर सेवा का मार्ग अपनाने पर मजबूर हो गए। हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ बताया। सांसद अजय भट्ट की ओर से पेश किए गए इस बिल पर चर्चा अधूरी रही।
हमीरपुर के भाजपा सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने नोटा पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस विकल्प को खत्म कर देना चाहिए। लोग मतदान केंद्र जाते हैं और नोटा का विकल्प चुनते हैं। यह किसी के काम नहीं आता। ऐसे लोग नोटा बटन दबाने की बात कर व्यंग्य करते हैं।
इससे मतदान करने वाले हतोत्साहित होते हैं। उन्होंने जातीय आधार पर मतदान करने पर भी अंकुश लगाने की मांग की। गोरखपुर के सांसद रवि किशन ने अनिवार्य मतदान की वकालत की। उन्होंने कहा कि लोगों को अधिकार चाहिए तो उन्हें वोट करना होगा।
उन्होंने कहा कि अनिवार्य मतदान की व्यवस्था से मत प्रतिशत बढ़ेगा। बड़ी जीत हासिल होगी। मुझे गोरखपुर में इतना वोट दे दिया कि मैं पागल हो गया। इससे पहले मैं फिल्मी दुनिया की अपनी जिंदगी में मस्त था। बड़ी जीत के बाद फिल्में छोड़ कर गोरखपुर की सेवा में लग गया।