नई दिल्ली: महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार को देवेंद्र फडणवीस को सीएम और अजित पवार को डिप्टी सीएम पद की शपथ ग्रहण करवा दी है. कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और शिवसेना ने शीर्ष अदालत में इसे चुनौती दी है. न्यायमूर्ति एनवी रमन, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की बेंच रविवार को इस मामले पर सुनवाई करने वाली है.
इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को समर्थन देकर महाराष्ट्र में सरकार का गठन करने का फ़ैसला एनसीपी का नहीं बल्कि अजित पवार का व्यक्तिगत फ़ैसला है. राज्य में सियासी उलटफेर के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि कल अजीत पवार बैठक में हमसे बात नहीं कर रहे थे.
संजय राउत ने कहा कि अजित पवार की बॉडी लैंग्वेज ही अलग थी, शरद पवार को भी यह अहसास हो गया था. कुछ देर में अजीत पवार बाहर चले गये थे और उनका फोन बंद हो गया था. इस घटनाक्रम से शरद पवार का कोई वास्ता नहीं है. संजय राउत ने आगे कहा कि सत्ता और धन का गलत इस्तेमाल किया गया है. अंधेरे में पाप होता है, चोरी होती…जिस तरह से अंधेरे में शपथ ग्रहण करवाई गई, इससे शिवाजी महाराज के नाम को बदनाम किया गया है.