इंदौर के डीआईजी का बेटा बना सुपरहिट बॉलीवुड फिल्म राइटर, लेखकों की स्थिति को सुधारने में बड़ा योगदान

24 नवंबर को जाने माने लेखक और दबंग खान सलमान खान के पिता सलीम खान ​अपना 84वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे है. फिल्म इंडस्ट्री में सलीम खान का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने बॉलीवुड को कई एवरग्रीन फिल्में दी हैं. जन्मदिन के इस खास मौके पर आइए एक नजर डालते है उनके ​जीवन पर

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सलीम खान का जन्म 24 नवंबर,1936 को इंदौर में हुआ था. उनका असली नाम अब्दुल सलीम खान है. उनके पिता अब्दुल राशीद खान इंदौर के डीआईजी थे. सलीम की प्रारंभिक पढ़ाई इंदौर के सेंट राफेल स्कूल से है. वहीं कॉलेज की शिक्षा इंदौर के होलकर कॉलेज से प्राप्त की है.

कॉलेज के समय से ही वह क्रिकेट में बड़ी दिलचस्पी रखते थे. कॉलेज टूर्नामेंट में भी कॉलेज की तरफ से खेलते थे. क्रिकेट खेल में वह इतने बेहतर थे कि उन्हें कॉलेज ने एम.ए की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप ऑफर की गई थी.बहुत कम लोगों को यह जानकारी है कि सलीम खान ने कॅरियर के शुरुआती दौर में फिल्मों में एक्टिंग भी की थी. उन्होंने तकरीबन 11 फिल्मों में जूनियर अभिनेता के रूप में काम किया था. हालांकि एक्टिंग कॅरियर में उन्हें कुछ खास कामयाबी नहीं मिली थी.

हिंदी सिनेमा में एक वो दौर भी था जब पटकथा लेखकों को फिल्म में क्रेडिट नहीं दिया जाता था. मगर धीरे-धीरे सिने दुनिया में आए बदलाव ने पटकथा लेखकों की स्थिति में भी सुधार किया. इसका श्रेय सलीम-जावेद की जोड़ी को जाता है जिन्होंने फिल्मों में इस चलन की शुरुआत की. हिंदी सिनेमा में सलीम अपनी अनूठी कहानी और दमदार डायलॉग डिलीवरी के लिए खासे जाने जाते है. अपने पटकथा लेखन की दुनिया में सलीम ने जंजीर,शोले, मुगल-ए-आजम, दिवार,मिस्टर इंडिया जैसी फिल्मों की पटकथा लिखी है.

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