धमतरी। सुपोषण जागरूकता के लिए ‘दू पइडिल, सुपोषण बर” के तहत आज गंगरेल जलाशय से कुकरेल होते जबर्रा तक सायकल रैली का आयोजन किया गया। इसमें कलेक्टर रजत बंसल, पुलिस अधीक्षक बीपी राजभानू सहित जिले के अनेक अधिकारी, धमतरी के विभिन्न् संगठनों से पहुंचे युवक-युवती और विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। यहां से सभी सायक्लिस्ट नगरी विकासखण्ड के ग्राम कुकरेल पहुंचे, जहां पर आयोजित छत्तीसगढ़िया मड़ई में स्थानीय गाजे-बाजे और राउत नाचा की धुन पर न सिर्फ कलेक्टर रजत बंसल जमकर थिरके। बल्कि छत्तीसगढ़ी के पारम्परिक व्यंजन पान रोटी, मुठिया, ठेठरी, खुरमा, खुरमी, मड़िया पेज, कटुवा, अरसा, सोंहारी, चीला, खपुर्री रोटी आदि का स्वाद चखकर आनंद उठाया।
वीडियो में डीएफओ अमिताभ बाजपेयी, सीएमओ डा डीके तुर्रे, सीईओ विजय दयाराम आदि हाथों में डंडा लिए राउत नाचा के संगीत पर नाचते-थिरकते नजर आ रहे हैं। इस अवसर पर सिहावा विधायक डॉ. लक्ष्मी ध्रुव सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, ग्रामीण और अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हुए। बाहर से आए आगंतुकों को विश्रामगृह में ठहराने की व्यवस्था की गई थी।
रविशंकर जलाशय के बिगिनिंग प्वाइंट में सुबह साढ़े सात बजे तक 450 से अधिक सायक्लिस्ट पहुंच गए थे। यहां पर कलेक्टर ने सभी लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘दू पइडिल, सुपोषण बर”के उद्देश्य को पूरा करने और इसे लेकर लोगों में जागरूकता लाने सायकल एक्सपीडिशन का आयोजन किया जा रहा है, जिसका निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा। इसके बाद सायक्लिस्टों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
सायक्लिस्टों का दल गंगरेल से होते हुए फुटहामुड़ा, माकरदोना होते कुकरेल पहुंचा। यहां पर आयोजित मड़ई में छत्तीसगढ़िया स्टॉल लगाए गए थे, जिसमें महिला स्वसहायता समूहों के द्वारा तैयार किए गए स्थानीय व्यंजन, साग-भाजी, कांदा-कूसा, स्थानीय गहने, कृषि उपकरण, खेलकूद से संबंधित स्टॉल लगाए गए थे।
मड़ई में आयोजित राउत नाचा के साथ अधिकारी-कर्मचारी और साइक्लिस्ट जमकर थिरके। साथ ही महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं के द्वारा तैयार किए गए पारम्परिक छत्तीसगढ़ी व्यंजन का आगंतुकों ने स्वाद चखा। कुकरेल में आयोजित मड़ई में जैविक पद्धति से तैयार की गई सब्जी-भाजी, फलों का भी आनंद लिया।
अधिकारी- राउत नाचा के नर्तकों का जत्था जब मड़ई स्थल पर पहुंचा, तो छत्तीसगढ़ी वाद्ययंत्र डफड़ा, निशान, डमरू और बेंजो की धुन पर थिरकने से सायक्लिस्ट और अधिकारीगण खुद को रोक नहीं पाए। कलेक्टर बंसल सहित विभिन्न् विभाग के अधिकारी राउत नाचा में उन्मुक्त होकर जमकर थिरके। इस दौरान मोबाइल के कैमरे में इस पल को कैद करते नजर आए।
छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के स्टाल में चीला, मुठिया, फरा और भक्का लाड़ू का स्वाद चखते रहे। सायक्लिस्टों ने कुकरेल में लघु विश्राम के दौरान चीला, मुठिया, फरा और पान रोटी का स्वाद चिरपोटी पताल के चटनी (सील-बट्टे में पिसी हुई छोटे टमाटर की चटनी) का आनंद लिया। इसके अलावा उन्होंने पहली बार करेला पत्ता की भाजी, बरबट्टी व कुम्हड़ा भाजी, इड़हर कढ़ी का स्वाद चखा। उनके लिए यह पल अविस्मरणीय रहा।