छत्तीसगढ़ सरकार ने हाई कोर्ट में कहा- नहीं बनेगा भोरमदेव टाइगर रिजर्व

बिलासपुर।  भोरमदेव टाइगर रिजर्व बनाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट(Chhattisgarh High court) में दायर जनहित याचिका पर बुधवार को चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। छत्तीसगढ़ शासन(Chhattisgarh Government) की ओर से जवाब पेश करते हुए महाविक्ता कार्यालय के वकील ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन ने निर्णय लिया है कि भोरमदेव को टाइगर रिजर्व नहीं बनाया जा रहा है। शासन की ओर से पेश जवाब के बाद डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता को नए सिरे से संशोधित याचिका पेश करने चार सप्ताह की मोहलत दी है। रायपुर निवासी नितिन सिंघवी की जनहित याचिका पर डिवीजन बेंच में सुनवाई प्रारंभ हुई। छत्तीसगढ़ शासन की ओर से पैरवी करते हुए वकील रजनीश सिंह बघेल ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि भोरमदेव को टाइगर रिजर्व नहीं बनाने के लिए छत्तीसगढ़ वाइल्ड लाइफ बोर्ड की मीटिंग में फैसला लिया गया है।

वाइल्ड लाइफ बोर्ड की नौवीं बैठक में भोरमदेव को टाइगर रिजर्व घोषित करने के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने निर्णय लिया था। 10वीं वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में यह पास करके एनटीसीए दिल्ली को भेजा गया था। इसके अलावा बफर और कोर जोन का क्षेत्र नर्धारण करते हुए कहा था कि भोरमदेव को टाइगर रिजर्व बनाया जाएगा। लेकिन बाद में सरकार ने रूख बदला और वन विभाग के अधिकारी यह कहा कि इसके अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों की विशेष ग्रामसभा से अनुमति नहीं होने के कारण इसे टाइगर रिजर्व घोषित नहीं किया जा सकता है। लिहाजा पूर्ववर्ती सरकार के निर्णय को रद कर दिया।

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