राजधानी दिल्ली में अब भी रोज छह महिलाओं से होता है दुराचार, आठ से छेड़छाड़

  • निर्भया कांड के बाद पुलिस ने किए थे बड़े-बड़े दावे, हकीकत आज भी इससे परे
  • पुलिस दुष्कर्म के 85 फीसदी से ज्यादा मामलों को सुलझाने का कर रही है दावा
  • हैदराबाद कांड ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर फिर से खड़े कर दिए बड़े सवाल
  • दिल्ली में औसतन हर चार घंटे में एक महिला के साथ दुष्कर्म की वारदात होती है
निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले ने देश ही नहीं पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। घटना के बाद पूरे देश में इस कुकृत्य के विरोध में प्रदर्शन किए गए। वारदात के बाद दुष्कर्म व छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस ने कई दावे किए थे। लेकिन हकीकत आज भी इससे परे है। हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत ने एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां औसतन हर चार घंटे में एक महिला के साथ दुष्कर्म की वारदात होती है। यानी दिल्ली में रोज छह महिलाएं दुष्कर्म का शिकार हो रही हैं। इसके अलावा करीब आठ महिलाओं के साथ किसी न किसी तरह से छेड़छाड़ की वारदात होती है। ये वे आंकड़े हैं, जिन मामलों में पीड़िता थाने में शिकायत देती है। सूत्रों के अनुसार कई महिलाएं लोकलाज के डर से शिकायत भी नहीं कर पाती हैं।

दिल्ली पुलिस अधिकारी दुष्कर्म और छेड़छाड़ के बढ़ते आंकड़ों के पीछे कुछ और ही तर्क देते हैं। उनका कहना है कि निर्भया कांड के बाद बने सख्त कानून ने महिलाओं के विश्वास को बढ़ाया है। ऐसे में पीड़िता थाने में शिकायत करने की हिम्मत कर लेती है।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि 90 फीसदी से ज्यादा मामलों में पीड़िताओं के जानकार ही उनकी आबरू के साथ खिलवाड़ करते हैं। पांच फीसदी से भी कम दुष्कर्म के मामलों में अज्ञात शख्स पाए गए हैं। अधिकारी का कहना था कि वारदात दर्ज होने के बाद पुलिस ने 85 फीसदी से ज्यादा मामलों को सुलझा लिया है।

दुष्कर्म के आंकड़े

वर्ष दुष्कर्म के मामले
2019 1947
2018 1921
2017 2146
2016 2155
2015 2199
2014 2166

(नोट : 2018 और 2019 में दुष्कर्म के आंकड़े 15 नवंबर तक के ही हैं)

छेड़छाड़ के आंकड़े 

वर्ष छेड़छाड़ के मामले
2019 2616
2018 2956
2017 3422
2016 4165
2015 5367
2014 4322

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