पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। इन दिनों में दिल्ली में पेट्रोल की कीमतें 74.91 रुपये और डीजल की कीमतें 65.78 रुपये तक पहुंच चुकी हैं। आसमान छू रहीं पेट्रोल-डीजल की कीमतों को केवल राहत इलेक्ट्रिक गाड़ियों से ही मिल सकती है। लेकिन इलेक्ट्रिक गाड़ियां अभी दूर की कौड़ी हैं, क्योंकि महंगी होने के नाते आम आदमी की पहुंच से बाहर हैं। वहीं हैदराबाद के एक शख्स ने एक खास तकनीक की खोज की है, इस तकनीक से वाहन पानी पर चलेंगे।
खास जल ईंधन तकनीक विकसित की
हैदराबाद के रहने वाले सुंदर रमैया ने अमर उजाला से खास बातचीत में दावा किया कि उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से निपटने के लिए एक खास जल ईंधन तकनीक विकसित की है। इस तकनीक की मदद से किसी भी पेट्रोल या डीजल पर चलने वाली पानी से चलेंगी। वहीं खास बात यह है कि इस तकनीक की दक्षता सामान्य ईंधन से भी ज्यादा है। उनका कहना है कि अभी तक कोई यूनिवर्सल ईंधन तकनीक बाजार में उपलब्ध नहीं है, जिस पर पेट्रोल या डीजल के वाहन चल सकें। उनका कहना है कि उनकी तकनीक के इस्तेमाल से कार एक लीटर पानी में 30 किमी तक का माइलेज दे सकती है।
गाड़ियां पानी से चलेंगी
पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर रमैया का कहना है कि उन्होंने खास किट कार्बोरेटर बनाई है, जो हाइड्रोजन का उत्सर्जन करेगी। इस तकनीक के जरिये गाड़ियां पानी से चलेंगी। गाड़ियों को चलाने के लिए ईंधन के तौर पर केवल पानी की ही जरूरत होगी। उनका कहना है कि इस किट को 12 इंच की कार की डिग्गी में लगाया जा सकता है। लेकिन कमर्शियल उत्पादन न होने की वजह से फिलहाल काफी महंगी है। उनका कहना है कि 1,000 सीसी इंजन के लिए इसकी कीमत तकरीबन लाख रुपये पड़ती है।
कार्बन एंटीडॉट घटाएगी प्रदूषण
वहीं उन्होंने बताया कि उन्होंने एक और खास तकनीक बनाई है, जिसका नाम उन्होंने कार्बन एंटीडॉट रखा है। यह तकनीक बाइक से लेकर बड़ी कारों, बसों, ट्रैक्टर और जेनरेटर्स में काम कर सकती है। वह कहते हैं कि यह टेक्नोलॉजी पूरी तरह से इको फ्रेंडली है और वाहनों की वजह से होने वाले वायु प्रदूषण को खत्म कर सकती है। उनका दावा है कि कार्बन एंटीडॉट असल में वाटर बेस्ट नेनो टेक्नोलॉजी है, जिसमें एक इंजेक्शन गाड़ी के कार्बोरेटर में लगाया जाता है और यह एक लीटर पानी 30 लीटर ईंधन की क्षमता देगा और 10 से 15 मिनट में ही सभी खतरनाक गैसों को 80 फीसदी तक ऑक्सीजन में बदल देगा। जिसके बाद न तो गाड़ी काला धुआं यानी कार्बन छोड़गी और माइलेज भी बढ जाएगा। उनका दावा है कि इंजन पहले के मुकाबले कम वाइब्रेशन करेगा।
अब तक दो लाख वाहनों में लगा चुके हैं यह तकनीक
उनका कहना है कि एक बार के इंजेक्शन के बाद बाइक्स में छह हजार किमी और कारों में 30 हजार किमी तक यह काम करेगी। उनका कहना है कि वे अभी तक 17 हजार से ज्यादा लाइव डेमो दे चुके हैं और दो लाख वाहनों में यह तकनीक लगी हुई है। कार्बन एंटीडॉट की कीमत के बारे में वह बताते हैं कि बाइक्स में इसकी कीमत 500 रुपये से शुरू है, जो 350 सीसी की बाइक्स में 1,000 रुपये तक पड़ेगी। जबकि कारों में 1,500 रुपये से लेकर 7,500 रुपये तक पड़ेगी। इसे खुद भी लगाया जा सकता है और किसी टेक्निकल एक्सपर्ट की जरूरत नहीं है।
प्रदूषण स्तर बिल्कुल शून्य निकला
वहीं वे यह भी कहते हैं कि तेलंगाना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सामने उन्होंने इस टेक्नोलॉजी लगे वाहनों का प्रदूषण चेक कराया था, जिसमें प्रदूषण स्तर बिल्कुल शून्य निकला। उनका कहना है कि देश में नए उत्सर्जन मानक BS6 की कोई जरूरत ही नहीं है, क्योंकि इस तकनीक से मदद से वाहनों से फैलने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकता है और हमारे बच्चों को शुद्ध ऑक्सीजन मिलेगी और बहुत बड़े संकट से छुटकारा मिल जाएगा। वाहनों को चलाने के लिए ज्यादा जेबें ढीली नहीं करनी पड़ेंगी और पर्यावरण के लिए भी काफी अच्छा रहेगा।