रायपुर। देश के 37 राज्यों में से दिल्ली, हरियाणा, केरल समेत सात राज्य ऐसे हैं, जहां चालू वर्ष की प्रस्तावित आबादी से ज्यादा लोगों का आधार कार्ड बना है। छत्तीसगढ़ 14वें नंबर पर है, यहां 94.3 फीसद लोगों ने आधार कार्ड बनवाए हैं।
भारत सरकार की एजेंसी यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने वर्ष 2019 के लिए सभी राज्यों की प्रस्तावित आबादी निर्धारित करके आधार कार्ड बनाने का लक्ष्य तय किया था। ताजा आंकड़ों के अनुसार दिल्ली, हरियाणा, केरल के अलावा हिमाचल प्रदेश, पंजाब, गोवा और तेलंगाना में अब तक प्रस्तावित आबादी से ज्यादा आधार कार्ड बन चुके हैं।
मतलब, इन राज्यों ने सौ फीसद लक्ष्य को पार कर लिया है। दिल्ली में 117 फीसद लोगों का कार्ड बन गया है। वहीं, आधार कार्ड बनाने के मामले में असम सबसे पीछे हैं। वहां महज 17.6 फीसद लोगों का कार्ड बन पाया है।
छत्तीसगढ़ सहित 16 राज्यों ने 90 फीसद से अधिक लक्ष्य का प्राप्त कर लिया है। आठ राज्य ऐसे हैं, जहां 80 से 90 फीसद लोगों का आधार कार्ड बना है। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने चालू वित्तीय वर्ष में एक अरब 35 करोड़ 38 लाख 90 हजार 423 लोगों का आधार कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा था, जिसके एवज में एक अरब 21 करोड़ 30 लाख 50 हजार 173 लोगों का कार्ड बनाया जा सका है। यह कुल लक्ष्य का 89.6 फीसद है।
प्रदेश के आधे से अधिक बच्चों-किशोरों ने नहीं लिया यूनिक आईडी
पांच वर्ष से कम और 18 वर्ष से कम आयु वाले आार कार्ड बनवाने वाले छत्तीसगढ़ में 49.20 फीसद लोग हैं। मतलब, आधे से अधिक बच्चों और किशोरों का आार कार्ड नहीं बन पाया है। इनके पास यूनिक आईडी नहीं है। हालांकि, इसके बाद भी इस आयु वर्ग के लोगों का आधार कार्ड बनवाने में छत्तीसगढ़ 10वें नंबर पर है। प्रदेश के 18 वर्ष से अधिक आयु वाले 83 फीसद लोगों ने यूनिक आईडी नंबर ले लिया है। इस वर्ग में छत्तीसगढ़ 17वें नंबर पर है।
सौ फीसद को पार करने वाले राज्य
राज्य-फीसद
दिल्ली-117.20
हरियाणा-103.70
केरल-102.60
हिमाचल प्रदेश-102.30
पंजाब-101.50
गोवा-101.20
तेलंगाना-100.80
लक्ष्य से काफी पीछे चल रहे राज्य
राज्य-फीसद
असम-17.60
मेघालय-29.30
नागालैंड-57
लद्दाख-74.70
जम्मू कश्मीर-77.40
अरुणाचल प्रदेश-79.50