रायपुर : युवा छत्तीसगढ़ की ऊर्जा और उमंग का प्रवाह: युवा महोत्सव

रायपुर, 11 जनवरी 2020

तरूणाई से बाहर आकर अपने 20 वें पायदान में कदम रख चुका छत्तीसगढ़ युवा जोश और ऊर्जा से भरा हुआ है। युवावस्था के इसी उत्साह को समुचित रास्ता और प्रवाह देने राजधानी रायपुर में स्वामी विवेकानंद जी की जयंती 12 जनवरी के अवसर पर तीन दिवसीय राज्य स्तरीय युवा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। महोत्सव के माध्यम से छत्तीसगढ़ की पुरातन सांस्कृतिक जड़ों के पुनर्जीवन के साथ संरक्षण और संवर्धन का काम राज्य सरकार कर रही है। युवा महोत्सव में प्रदेश भर के 15 से 40 वर्ष और 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 6 हजार 521 प्रतिभागी 821 विविध कार्यक्रमों में अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। इनमें 3 हजार 613 पुरूष, 2 हजार 433 महिला प्रतिभागी और 301 पुरूष और 174 महिला अधिकारी कर्मचारी शामिल हो रहे हैं।

पहली बार राज्य स्तर पर इतने वृहद रूप में किये जा रहे इस आयोजन से न सिर्फ ग्रामीण प्रतिभाओं को सामने आने का अवसर मिलेगा बल्कि युवा पीढ़ी अपनी पुरातन समृद्ध परंपरा, कला और संस्कृतिक मूल्यों से परिचित हो सकेगी। यहां प्रदेश भर से आए कलाकारों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की संपन्न और समृद्ध संस्कृति को मंच में दिखाने का प्रयास किया गया है। यहां छत्तीसगढ़ के परंपरागत पकवान, वेशभूषा, खेल, नृत्य, गीत व तीज त्यौहारों का प्रदर्शन होगा। महोत्सव के दौरान छत्तीसगढ़ के फरा, चीला, सोहारी ,पपची, अइरसा, दहरोरी जैसे पारंपरिक पकवानों के अनूठे स्वाद और महक को एक नया आयाम देने फूड फेस्टिल का आयोजन भी किया गया है।

सौंदर्य बोध और कलात्मक चेतना का जीवंत उदाहरण आभूषणों दिखाई में देता है। छत्तीसगढ़ की यही कलात्मक सांस्कृतिक विशेषता यहां के पारंपरिक वेशभूषा और आभूषणों में भी दिखाई देती है। वेशभूषा प्रतियोगिता के माध्यम से प्रदेश की विविधता लिए इस विरासत का प्रदर्शन युवाओं द्वारा किया जाएगा। छत्तीसगढ़ का लोक जीवन त्यौहारों, फसल कटने, ईश्वर के प्रति कृतज्ञता दर्शाने, उत्साह और उमंग जैसे कई अवसरों पर पारंपरिक लोक नृत्यों से रचा बसा है। इनमें राउत नाचा, सुआ गीत, सरहुल, बस्तरिया, करमा ,डंडा नांच, पंथी नृत्य जैसे लोक नृत्यों की ऐतिहासिक पृष्टभूमि रही है। इसके साथ पारंपरिक भौंरा, गेड़ी दौड़, खो-खो, कबड्डी, फुगड़ी जैसे खेल ग्रामीण जन-जीवन में रचे बसे हैं। आज की नई युवा पीढ़ी द्वारा इन संस्कारों को आगे बढ़ाते देखने की सुखद अनुभूति युवा उत्सव में मिलेगी।
पारंपरिक लोक रंग के साथ युवा प्रतिभाओं को निखारकर राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन के लिए तैयार करने युवा महोत्सव में शास्त्रीय संगीत में हिन्दुस्तानी और कर्नाटक शैली तथा शास्त्रीय नृत्य कत्थक, ओडिसी, कुचीपुड़ी, मणीपुरी, भरतनाट्यम के साथ तबला, गिटार, सितार वादन को भी प्रतियोगिता में शामिल किया गया है।
प्रखर मस्तिष्क और देश दुनिया की जानकारी से अद्यतन प्रतिभाओं को देखने का मौका क्विज, वाद-विवाद और तात्कालिक भाषण की प्रतियोगिताओं के माध्यम से हमें मिलेगा। सामाजिक जागृति के लिए कुरीतियों पर प्रहार का एक मनोरंजक माध्यम एकांकी रहा है, छत्तीसगढ़ में रचे बसे एकांकी की आकर्षक प्रस्तुति भी युवा महोत्व में प्रतिभागियों द्वारा की जाएगी। यह युवा महोत्सव राज्य सरकार की मंशा अनुरूप युवाओं की सहभागिता से छत्तीसगढ़ की पुरातन सरल सहज दुर्लभ लोक संस्कृति को समेटने, सहेजने और पारंपरिक सौंधी महक को बनाए रखने का एक सशक्त माध्यम बनेगा।

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