नई दिल्ली. अब अगर कोई बैंक सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (MSEM) को अकारण लोन देने से नहीं मना कर सकता है. अगर कोई बैंक बिना किसी ठोस कारण के MSME को लोन देने से मना करता है तो उनके लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है. इसके लिए वित्त मंत्रालय एक खास तरह का केंद्र बनाने जा रहा है, जहां ऐसी परिस्थित में कोई भी MSME ई-मेल के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. इसके बाद इस शिकायत की एक कॉपी बैंक मैनेजर को भी भेजी जाएगी.
जल्द बनाया जाएगा विशेष केंद्र
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कोई भी बैंक बिना किसी ठोस वजह से किसी भी MSME को लोन देने से नहीं मना कर सकता है. उन्होंने आगे कहा कि इस विशेष केंद्र के बारे में जल्द ही ऐलान किया जाएगा. वित्त मंत्री ने शनिवार को बताया कि देश में विदेशी मुद्रा भंडार और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर है. उन्होंने विश्वास जताया कि भारत एक बार फिर 8 फीसदी वृद्धि दर पर वापस पहुंच जाएगा. केंद्र सरकार इसके लिए लगातार प्रयास कर रही है.
LTCG पर कही ये बात
लॉन्ग टर्म कैपिटल टैक्स (LTCG) को लेकर एक सवाल के जवाब में निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसके लिए मंत्रालय एक साल और इंतजार करेगा. बता दें कि बजट से पहले सरकार से उम्मीद की जा रही थी कि उन्हें LTCG से राहत मिल सकती है. लेकिन, वित्त मंत्री ने बजट भाषण में ऐसा कोई ऐलान नहीं किया था. LTCG को 2018 में करीब 14 साल वापस लाया गया था. LTCG को लेकर उन्होंने कहा कि वह बाजार में उतार- चढ़ाव के कारण इसको लेकर उपयुक्त आकलन नहीं कर सकी हैं.
डिविडेंट डिस्ट्रीब्युशन टैक्स पर भी स्पष्टीकरण
हालांकि, इस दौरान उन्होंने डिविडेंट डिस्ट्रीब्युशन टैक्स (DDT) को लेकर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि अब कंपनियों को कोई DDT नहीं देना होगा. केवल निवेशकों को ही डिविडेंड डिस्ट्रीब्युशन टैक्स देना होगा.
वित्त मंत्री ने एक और बात पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि केंद्र की तरफ से राज्यों को जारी किया जाने वाले फंड में कटौती करने का कोई प्लान नहीं है. वित्त मंत्री ने कहा, ‘राज्यों के फंड में कटौती करने की हमारी कोई योजना नहीं है. हम 14वें प्लानिंग कमीशन के सिफारिशों के आधार पर ही फंड जारी कर रहे हैं. अब हम 15वें प्लानिंग कमीशन की रिपोर्ट में किए गए सिफारिशों का पालन करेंगे.’