लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव के बीच भारत के लिए अच्छी खबर है. भारतीय वायुसेना को राफेल लड़ाकू विमान की पहली खेप 27 जुलाई को मिलेगी. बताया जा रहा है कि 4 से 6 राफेल विमान अंबाला एयरबेस पर पहुंच जाएंगे.
गेमचेंजर हथियारों की डिलिवरी का सिलसिला शुरू हो गया है. Scalp और Meteor मिसाइल की डिलिवरी शुरू हो गई है. भारतीय वायुसेना की गोल्डन एरो स्क्वाड्रन अगस्त में राफेल विमानों के साथ मोर्चा संभाल लेगी. बताया जा रहा है कि फ्रांस से भारतीय पायलट राफेल को भारत ला रहे हैं.
राफेल विमानों को भारत लाने के लिए वन स्टॉप का इस्तेमाल किया जा रहा है. यानी फ्रांस से उड़ान भरने के बाद यूएई के अल डाफरा एयरबेस पर राफेल विमान उतरेंगे. यहां पर फ्यूल से लेकर बाकी सभी टेक्निकल चेकअप के बाद राफेल विमान सीधे भारत के लिए उड़ान भरेंगे. वह सीधे अंबाला एयरबेस पर आएंगे.
सभी 36 राफेल विमानों की डिलिवरी 2022 में हो जाएगी. राफेल विमान का पहला स्क्वाड्रन अंबाला में तैनात होगा, जबकि दूसरा स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हसीमारा में तैनात किया जाएगा. माना जा रहा था कि कोरोना संकट के कारण राफेल विमानों की डिलिवरी देरी से होगी, लेकिन फ्रांस ने टाइम पर डिलिवरी देने का फैसला किया था.
इस बाबत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2 जून को फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले से बात की थी. इस दौरान फ्रांस की ओर से भरोसा दिया गया था कि भारत को मिलने वाले राफेल लड़ाकू विमान की डिलीवरी वक्त पर होगी, कोरोना महासंकट का असर इस पर नहीं पड़ेगा.