एप फोन में तो रहेंगे, लेकिन काम नहीं करेंगे… डाउनलोड भी नहीं होंगे

केंद्र सरकार की ओर से आईओएस और एंडरॉयड प्लेटफॉर्म को उनके एप स्टोर से हटाने के आदेश के बाद इन एप को आगे डाउनलोड नहीं कर पाएंगे। एप फोन पर बने रहेंगे लेकिन काम नहीं करेंगे। ऑफलाइन काम करने वाले एप यूजर के फोन पर काम कर सकते हैं लेकिन इन्हें आगे डाउनलोड करना संभव नहीं होगा। जिन लोगों के फोन पर ये एप काम कर रहा है, वहां इसे बंद किया जाएगा। इसके लिए सरकार को इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को आदेश जारी करना होगा ताकि डाउनलोड किए गए एप की सर्विस खत्म हो जाए। तीसरा कदम ये हो सकता है कि सरकार उपभोक्ताओं से इस एप को डाउनलोड करने से मना करे। लेकिन सरकारी आदेश में इसका जिक्र अभी तक नहीं है।

इंटरनेट कंपनियां भी रोकेंगी पहुंच
एपल और गूगल दोनों ने अधिकतर एप स्टोर से डिलीट कर दिया है। हालांकि, कुछ एप अब भी बने हैं। बताया जा रहा है कि कुछ समय में ये हटा लिए जाएंगे। इसके अलावा केंद्र सरकार सभी इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और टेलीकॉम कंपनियों से भी इनके डाटा और इन तक पहुंच को रोकने के लिए बात कर रही है। देश में करीब 50 करोड़ स्मार्ट फोन हैं, जिनमें से तकरीबन 30 करोड़ लोग बैन किए गए 59 एप का इस्तेमाल कर रहे हैं। कई लोगों का शेयर-इट काम कर रहा है, तो कई लोगों का टिकटॉक और कई लोगों का कैम- स्कैनर। लेकिन अगर आप चाहे कि अब नए सिरे से टिकटॉक को डाउनलोड कर लें तो ये अब नहीं हो पाएगा।

पाबंदी न मानी तो तीन साल की जेल, 5 लाख जुर्माना

आईटी एक्ट के तहत प्रतिबंध को न मानने पर किसी कंपनी के खिलाफ धारा 66 और धारा 43 के अंतर्गत केस दर्ज हो सकता है। इसमें तीन साल की जेल और 5 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन जमानत मिल सकती है। हालांकि, भारत के संघीय ढांचे के अनुसार केंद्र सरकार एप पर प्रतिबंध तो लगा सकती है, लेकिन कानून-व्यवस्था राज्य सरकारों के पास हैं। ऐसे में इन्हें लागू करवाने की जिम्मेदारी राज्यों पर ही है।

क्या है आईटी एक्ट की धारा 69ए

आईटी एक्ट 2000 की धारा 69ए के तहत केंद्र सरकार के पास किसी सूचना तक किसी कंप्यूटर स्रोत के माध्यम से सार्वजनिक पहुंच तक रोकने का निर्देश देने की शक्ति है।

ब्लैक मार्केट पर रखनी होगी निगरानी…

पोर्न साइट पर बैन के बावजूद कई साइट को लोग चोर दरवाजे से खोल ही लेते हैं। ऐसे में केंद्र को इन एप के अनाधिकृत वर्जन (ब्लैक) मार्केट में रोकने पर ध्यान देना होगा। हालांकि, इससे इन कंपनियों को सीधे तौर पर फायदा नहीं पहुंचेगा।

कंपनियां बता रही हैं इसे अंतरिम आदेश

टिकटॉक ने प्रतिबंध को अंतरिम आदेश करार दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे में इसको कानूनी जामा पहनाने के लिए एक समिति से पारित कराना होगा और आदेश की शक्ल देनी होगी।

ऐसे करें अनइंस्टाल

-फोन सेटिंग में जाएं
-एप मैनेजमेंट खोलें
-एप लिस्ट देखें
-अनइंस्टाल करें

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *