रायपुर. रायपुर समेत राज्यभर में कोरोना अनलॉक के दूसरे दिन शनिवार को भी यात्री बस सेवा बहाल नहीं हुई। दिनभर 12 हजार यात्री बसों के पहिए नहीं घूमे। शुक्रवार को दिनभर पंडरी बसस्टैंड पर सन्नाटा पसरा रहा। इससे स्टैंड पहुंचने वाले यात्री मायूस होकर लौटे। अब भी ऑपरेटर अपनी मांगें पूरी होने के बाद ही यात्री बसें चलाने पर अड़े हैं। ऐसी दशा में जल्द यात्री बस सेवा बहाल होने की गुंजाइश बहुत कम है। दरअसल, सरकार ने छग के एक-दूसरे जिलों में जुलाई से यात्री बसें संचालित करने आदेश दिया था। सहूलियत देने के बाद बस सेवा बहाल हुई, लेकिन दोबारा लॉकडाउन के बाद बस सेवाएं बंद कर दी गई थी। अब अनलाॅक के बाद बस सेवा शुरू नहीं हो सकी।
90 बसें दिनभर खड़ी रहीं पंडरी बसस्टैंड में शनिवार को हरिभूमि टीम पहुंची। यहां 80 से 90 यात्री बसें स्टैंड परिसर में खड़ी दिखीं। अधिकतर बसें जगदलपुर, अंबिकापुर, बिलासपुर समेत अन्य रूटों पर चलने वाली थीं। कुछ बस सर्विसेज के काउंटर खुले थे, लेकिन टिकटों की बुकिंग नहीं की जा रही थी। काउंटर पर आने वाले यात्रियों को स्टॉफ बस सेवा बंद की जानकारी देते मिले। दूसरे जिलों में जाने वाले यात्री स्टैंड से मायूस होकर लौटे। इन रूटों पर 8 से 10 बसें चलती थीं जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन समाप्त होने के बाद शासन के हस्तक्षेप करने पर जुलाई में ऑपरेटरों ने रायपुर-अंबिकापुर, रायपुर-सरायपाली, रायपुर-महासमुंद, रायपुर-बिलासपुर, रायपुर-दुर्ग और रायपुर-जगदलपुर रूट पर बसें चलाई थीं। प्रत्येक रूट पर 8 से 10 बसें संचालित होती थीं, लेकिन शुक्रवार को टोटल बसों का पहिया नहीं घूमा।
इन मांगों पर अड़े हैं ऑपरेटर – डीजल के वैट में 50 प्रतिशत तक की कटौती की जाए – फार्म के एवं फार्म एम की साल में समय बाध्यता और शुल्क समाप्त किया जाए – यात्री किराए में बढ़ोतरी और किराया वृद्धि की स्थाई नीति बने – वाहन टैक्स व टोल टैक्स में छूट दी जाए – स्लीपर कोच में लगने वाला डबल टैक्स समाप्त किया जाए बसों का बिगड़ा है बजट बसों को चलाने पर सीट के बराबर यात्री नहीं मिलते। इससे ज्यादा नुकसान हो रहा है। अब सभी मांगें पूरी होंगी, तभी बसों का संचालन होगा।