एल्बेंडाजोल टेबलेट खाने को ‘साक्षी’ ने घर-घर जाकर बच्चों को किया जागरुक

रायपुर  : बच्चों में बेहतर स्वास्थ्य और सुपोषण की अलख जगाने के उद्देश्य से दिव्यांग साक्षी ने कृमिनाशक टेबलेट एल्बेंडाजोल खाने के लिए घर घर जाकर बच्चों को जागरूक कर रही हैं और पेट के कृमि से होने वाले नुकसान और खतरे के बारे में भी बता रही है ।ज़िले में 1 से 9 अक्टूबर तक राष्ट्रीय कृमिनाशकदिवस (एनडीडी (नेशनल डीवार्मिंग डे) का आयोजन किया जा रहा है ।
साक्षी कहती है,महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन 1 से 30 सितंबर तक किया गया था । जिसमें उसने “गढ़बो सुपोषित छत्तीसगढ़” की रंगोली बनाकर और सुपोषित सतरंगी और तिरंगा थाली सजाकर पोषण के महत्व की जानकारी वीडियो बना कर दी थी । साक्षी कहती है बच्चों में स्वास्थ्य और सुपोषण की अलख को जगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कृमिनाशक एल्बेंडाजोल टेबलेट खाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है इसमें वह अपने हमउम्र साथियों को एल्बेंडाजोल टेबलेट खाने के लिये प्रेरित कर रही है साथ ही पेट के कृमि से होने वाले नुकसान और खतरे के बारे में भी लोगों को घर घर जाकर बता रही है।पेट में कृमि होने पर बच्चों को भूख नही लगती है एवं वे कमज़ोर हो जाते है ।साथ ही छोटे बच्चे इससे कुपोषित भी हो जाते है । शरीर में ये कीड़े किसी दूसरे व्यक्ति से, संक्रमित मिट्टी में नंगे पैर चलने से, दूषित पानी में खेलने से या फिर अशुद्ध भोजन खाने सेहोजाते हैं।खाने से पहले और शौचालय के इस्तेमाल के बाद अपने हाथ साबुन से अवश्य धोएं।बच्चे नाखून छोटे और साफ रखें।फल और सब्जियों को साफ पानी में अच्छे से धोएं।
ज़िला टीकाकरण अधिकारी डॉ. विकास तिवारी ने बतायाएनडीडी (नेशनल डीवार्मिंग डे) हर साल स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जाता है। इसके तहत बच्चों के शरीर से कृमि खत्म करने के लिए उन्हें एल्बेंडाजॉल की दवा तीन रूप में खिलाई जाती है। इसमें 1-2 वर्ष के बच्चों को आधी गोली पीसकर2-3 वर्ष के बच्चों को एक गोली पीसकर और 4-19 वर्ष के बच्चों को चबाकर खाने के लिए एक गोली दी जाती है।
यह कार्यक्रम रायपुर के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में एएनएम के मार्गदर्शन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व मितानिनों के माध्यम से चलाया जा रहा है। डॉ. तिवारी और सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल ने बताया की राज्य से ज़िले के 8 लाख 20 हजार 680 बच्चों को एल्बेंडाजॉल की दवा खिलाने का लक्ष्य दिया है। इसके तहत घर-घर जाकर और फिर केंद्र में दवा खिलाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा यह कृमि नाशक दवा मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना सुपोषण को भी साकार करती है। इस दवा को खाने से बच्चों के पेट में पैदा होने वाले कृमि मर जाते हैं और शरीर को सही तरीके से पोषण मिलता है जिससे पूर्ण विकास होता है। उन्होंने सभी लोगों से अपील की है कि वह अपने-अपने बच्चों को यह दवा जरूर खिलाएं।
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग की मितानिन और आंगनबाडी अंबेडकरनगर केंद्र की आंगनवाडी कार्यकर्ता मौजूद रहीं ।
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